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गुप्त एजेंडे पर काम तो नहीं कर रहे पत्थर माफिया !

सन्नाटा. सुनाई नहीं दे रही क्रशरों की आवाज डेहरी (कार्यालय) : करवंदिया पहाड़ी में विस्फोट की आवाज कुछ दिनों से थम गयी है. करवंदिया से गोपी बिगहा तक अवैध तरीके से पत्थर लदे सैकड़ों ट्रैक्टरों की पुरानी जीटी रोड पर कतार भी नहीं दिख रहा. गोपी बिगहा व आस-पास के इलाकों में अवैध तरीके से […]

सन्नाटा. सुनाई नहीं दे रही क्रशरों की आवाज

डेहरी (कार्यालय) : करवंदिया पहाड़ी में विस्फोट की आवाज कुछ दिनों से थम गयी है. करवंदिया से गोपी बिगहा तक अवैध तरीके से पत्थर लदे सैकड़ों ट्रैक्टरों की पुरानी जीटी रोड पर कतार भी नहीं दिख रहा. गोपी बिगहा व आस-पास के इलाकों में अवैध तरीके से चलाये जा रहे दर्जनों क्रशरों की कर्कश आवाज भी अब कुछ दिनों से सुनायी नहीं दे रही है. एक बारगी उपरोक्त स्थिति का बनना लोगों की समझा में नहीं आ रहा है. वरीय पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व में दर्जनों बार छापेमारी किये जाने दर्जनों क्रशरों को ध्वस्त किये जाने, सैकड़ों पत्थर लदे वाहनों को जब्त करने,
पहाड़ उड़ाने के प्रयोग में आने वाले सामान पकड़े जाने के बाद भी कभी पूर्ण रूप से बंद नहीं हुआ. अवैध ढंग से पहड़ तोड़ने ढुलाइ व क्रशर से गिट्टी बनाने का कार्य का अचानक बगैर किसी हलचल व पुलिस द्वारा चलपायी गयी विशेष अभियान के पूर्ण रूपेण बंद हो जाना किसी खास बात की ओर इशारा करता है.
जानकार बताते हैं कि अवैध तरीके से काम रहे पत्थर माफियाओं का एक सिंडिकेट बना है. अध्यक्ष में नेतृत्व में उक्त सिंडिकेट में अलग-अलग विंग बनाये गये हैं. कारोबारियों से चंदा लेने व इस अवैध धंधे में रूकावट डालने वालों तक रुपये पहुंचाने का काम सिंडिकेट के लोगों के बीच बांटा गया है. अवैध धंधे में बाधक बनने वाले पुलिस प्रशासन बन व खनन विभागों के अधिकारियों के अलावा क्षेत्र के दबंग माने जाने वाले लोगों तक सिंडिकेट की पहुंच है.
कदम दर कदम सभी लोगों तक एक तय रकम समय पर पहुंचे ऐसी व्यवस्था सिंडिकेट द्वारा किया गया बताया जाता है. सैकड़ों की संख्या में अवैध पत्थर लदे वाहनों का प्रतिदिन पुरानी जीटी रोड पर इस स्थिति में भी दौड़ना जब जिले व अनुमंडल स्तर के वरीय पदाधिकारी की वाहन उसी रास्ते से आते जाते हैं. पर, अचानक बगैर किसी कार्रवाई के ब्रेक लग जाने के पीछे प्रशासन व पत्थर माफियाओं के बीच एक गुप्त समझौता होने की चर्चा है.
लोगों का कहना है कि प्रदूषण अधिनियम व कानून की धज्जी उड़ाने वालों के सामने प्रशासन बौना साबित हो रहा है. उनकी पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य स्तरीय वरीय अधिकारियों के दबाव पर स्थानीय कुछ अधिकारियों ने सिंडिकेट के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर इस अवैध धंधे को थोड़े दिनों के लिए बंद रखने की गुहार लगायी है. जिस पर वह तैयार हो गये हैं. इस बात की चर्चा लोगों के बीच हो रही है. अब चाहे उक्त बात में सच्चाई है.
प्रशासन व अवैध पत्थर माफियाओं के बीच पक्की किसी खिचड़ी के बाद गुप्त एजेंडे के तहत पहाड़ से पत्थर की तुड़ाई व ढुलाई व क्रशरों का चलना बंद है.
दो-तीन दिनों से पूरी तरह बंद है पहाड़ से पत्थर की ढुलाई
एनएमसीएच के रोगियों व परिजनों को मिली राहत
पहाड़ उड़ाने की तेज आवाज, क्रशरों से उड़ने वाले पत्थर मिश्रित धूल कम का उड़ने व तेज गति से पत्थर लदे ट्रैक्टरों को चलाने से सम्मानित दुर्घटना से नारायण मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के रोगियों के परिजनों, डॉक्टर कर्मचारियों व हॉस्टल में रहनेवाले छात्र छात्राओं को काफी राहत मिली है.
क्रशरों से ड़ने वाले धूल पूरवा हवा बहने पर अस्पताल परिसर में डड़ कर आते हैं. इससे इलाज कराने आये रोगियों व कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को काफी परेशानी होती थी. पहाड़ को उड़ाने के दौरान होने वाली तेज आवाज से ऑपरेशन थियेटर में काम करनेवाले डॉक्टर भी अचानक डर जाते हैं, तो आम मरीजों का स्थिति क्या होता होगा.

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