पुलिस पदाधिकारियों के साथ जिला जज ने किया सुरक्षा-व्यवस्था पर विमर्श
डॉग स्क्वायड टीम ने की न्यायालय परिसर की जांच
मेटल डिटेक्टर से लैस बनेंगे तीन गेट
पूर्णिया : सोमवार को छपरा कोर्ट परिसर में हुए बम विस्फोट की घटना के बाद पूर्णिया कोर्ट की भी सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता करने की कवायद शुरू हो गयी है. इस सिलसिले में आइजी दरभंगा की ओर से कोर्ट परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिये गये हैं. बुधवार को जिला जज अरविंद कुमार के साथ डीएसपी मुख्यालय मनोज कुमार सुधांशु, प्रशिक्षु डीएसपी निशित प्रिया, केहाट थानाध्यक्ष रंजन कुमार सिंह आदि ने कोर्ट परिसर में घूम-घूम कर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया और उसे पुख्ता करने पर विमर्श किया. इससे पूर्व डॉग स्क्वायड टीम ने परिसर के चप्पे-चप्पे की जांच की.
तीन गेट पर लगेंगे मेटल डिटेक्टर : इस संबंध में डीएसपी मुख्यालय श्री सुधांशु ने बताया कि कोर्ट परिसर के मुख्य तीन गेट के सटे मेटल डिटेक्टर से लैस अन्य तीन गेट बनाये जायेंगे. प्रत्येक गेट पर एक महिला व एक पुरुष पुलिस बल की तैनाती की जायेगी. गेट से आम लोगों को बगैर जांच किये परिसर में आने नहीं दिया जायेगा. खासकर महिला पुलिस अंदर आने वाली महिलाओं की भी जांच करेगी. इसके अलावा परिसर के अंदर भी शक के आधार पर लोगों की जांच होगी. बताया कि कोर्ट परिसर का जहां बाउंड्रीवाल की उंचाई कम है, उसे मानक के अनुसार उंचा किया जायेगा. इसके लिए जिला जज की ओर से भवन निर्माण के इंजीनियर को बुला कर चहारदीवारी की ऊंचाई 10 फीट करने को कहा गया. उन्होंने बताया कि स्थानीय थाना की गश्ती पुलिस कोर्ट के बाहर गश्त करती रहेगी. कोर्ट के न्यायाधीश व मजिस्ट्रेट के वाहनों को परिसर में जाने हेतु ही मेन गेट खोले जायेंगे. पदाधिकारियों के वाहन अंदर प्रवेश के उपरांत मेन गेट बंद कर दिया जायेगा.
कोर्ट परिसर में पूर्व में हो चुकी है हत्या : उल्लेखनीय है कि पूर्णिया कोर्ट में विगत दो दशक में चार लोगों की हत्या हो चुकी है. 19 अप्रैल 2000 को वर्तमान धमदाहा विधायक लेसी सिंह के पति बूटन सिंह की हत्या गोली मार कर कर दी गयी थी. इस घटना के लगभग एक वर्ष उपरांत सरसी के चइंया झा की ईंट से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी थी. इससे पूर्व वर्ष 1990 के करीब कोर्ट के सामने अरूण यादव समेत दो की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. बहरहाल बंगाल व नेपाल से सटे पूर्णिया में किसी बड़ी घटना के घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.