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रेलमंत्री के बयान से लोगों में मायूसी

बनमनखी: मधेपुरा-बनमनखी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन को लेकर रेलमंत्री द्वारा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद शरद यादव को दिये गये जवाब से क्षेत्र के वाशिंदों में मायूसी है. वर्ष 2008 में आयी बाढ़ आपदा से तबाह हुए रेलखंड पर आमान परिवर्तन के काम को पूरा करने में रेल विभाग समय में बार-बार फेरबदल कर […]

बनमनखी: मधेपुरा-बनमनखी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन को लेकर रेलमंत्री द्वारा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद शरद यादव को दिये गये जवाब से क्षेत्र के वाशिंदों में मायूसी है. वर्ष 2008 में आयी बाढ़ आपदा से तबाह हुए रेलखंड पर आमान परिवर्तन के काम को पूरा करने में रेल विभाग समय में बार-बार फेरबदल कर रहा है, इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश भी है. सहरसा-पूर्णिया रेल खंड के आमान परिवर्तन की घोषणा के बाद मधेपुरा-पूर्णिया रेलखंड के आमान परिवर्तन की दिशा में किये जा रहे कार्य की मंथर गति से लोगों में खासी नाराजगी है. लोग आगामी लोकसभा चुनाव में आमान परिवर्तन को अहम मुद्दा बनाकर वोट मांगने आनेवाले नेताओं से हिसाब मांगने की फिराक में हैं. क्षेत्र के लोग अब आमने-सामने के मूड में आ गये हैं. लोगों का कहना है कि केंद्रीय सरकार के जितने भी रेलमंत्री हाल के वर्षो में आये, उनकी उपेक्षापूर्ण नीति के कारण क्षेत्र के लोगों के लिए ब्रोडगेज की गाड़ियां अब तक सपना ही बनी हुई है.

इस संबंध में प्रखंड जदयू अध्यक्ष धीरेंद्र प्रसाद सिंह कहते हैं कि रेल मंत्रलय की ओर से बड़ी लाइन के काम शिथिलता बरती ही जा रही है, और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उदासीन हैं. जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए मधेपुरा-पूर्णिया रेलखंड पर चल रहे आमान परिवर्तन की सही तसवीर रेल मंत्रलय से स्पष्ट करवायी है. वरना लोग गफलत बाजी में रह जाते. कोशी संघर्ष मोरचा के अशोक पौद्दार रेल मंत्री के मधेपुरा-बनमनखी रेलखंड पर इंजीनियरिंग कार्य पूरा होने की बात को गलत बताते हुए कहते हैं कि उक्त रेलखंड पर अभियंत्रण विभाग के कई काम अभी शेष हैं. वे कहते हैं कि इससे साफ जाहिर है कि स्थानीय रेल प्रशासक रेल विभाग को गफलत में रख रहा है और मार्च तक रेलखंड पर ट्रेन परिचालन अभी संशयपूर्ण है. व्यवसायी रमेश अग्रवाल प्रश्न करते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष में बनमनखी से समस्तीपुर तक पैसेंजर गाड़ी चलाने की घोषणा रेल मंत्रलय की ओर से संसद में बजट के दौरान की गयी थी तो फिर मार्च तक ट्रेन परिचालन की घोषणा के बाद बजट में पास पैसेंजर गाड़ी का क्या हुआ. सबका हिसाब लेने के लिए जनता तैयार है. रोगी कल्याण समिति की सदस्य शैल कुमारी देवी का कहना है कि सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों का सीधा खामियाजा क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ रहा है. अधिवक्ता डॉ प्रो कृष्णा कुमारी कहती है कि आमान परिवर्तन के कामों को पूरा करने तथा ट्रेन परिचालन बहाल करने के प्रति जिस प्रकार रेलमंत्री ने नयी घोषणा की है, उससे स्पष्ट है कि रेल प्रशासन और रेल मंत्रलय में सामंजस्य का सर्वथा अभाव है. छात्र बबलू ने कहा हे कि क्षेत्र के लोगों के दुख-दर्द से ना तो जनप्रतिनिधि और ना ही रेलवे के बाबू लोगों का वास्ता रह गया है. युवा राजद के प्रखंड अध्यक्ष रोशन कुमार आमान परिवर्तन की दिशा में हो रहे विलंब के लिए रेल प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा राज्य सरकार को दोषी मानते हैं. उनका कहना है कि अगर ट्रेन परिचालन के लिए थोड़ी भी आवाज बुलंद करती तो क्षेत्रीय जनता का कल्याण हो जाता.

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