पूर्णिया: रजत जयंती समारोह के मौके पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों के हास्य-व्यंग्य और शेरो-शायरी सुन पूर्णिया वासियों का मन मचल गया. कवि और कवियत्रियों को सुन मन ऐसा मचला कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग अपने को रोक नहीं पाये. हास्य हो या फिर व्यंग्यात्मक शैली सभी पर एक जैसी तालियां बजाते रहे.
मुंबई से आये हास्य कवि दिनेश बावरा ने कहा कि स्कूल में मास्टर जी ने बैठी हुई गाय का चित्र बनाने को कहा. सभी बच्चों ने बैठी गाय की चित्र बनायी और मैंने खड़ी गाय की. जब मास्टर जी सभी की कॉपी देखते-देखते मेरे पास पहुंचे तो चित्र देखकर पूछा तूने खड़ी गाय की चित्र क्यों बनायी. तो मैंने कहा आपकी छड़ी देखकर गाय खड़ी हो गयी.
उन्होंने कहा कि महिला के गले में मंगलसूत्र देखकर समझ में आ जाती है कि उसकी शादी हो गयी है. लेकिन किसी पुरुष की शादी हुई है या नहीं यह कैसे समझा जाय. आदमी का मुंह यदि मंगलसूत्र जैसा लटक रहा हो तो समझो उसकी शादी हो गयी है. श्री बावराने कहा कि जो अमेरिका नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं दे रहा था, उसी अमेरिका ने कहा जीजा बन के आओ और पिजा खा के जाओ. उन्होंने आतंकियों पर कहा कि वे कैसे लोग हैं, जो बम बनाते हैं, इससे अच्छा तो वह कीड़ा है जो रेशम बनाते है.
इंदौर की हास्य कवियत्री डा प्रेरणा ठाकरे ने तो अपनी हास्य-व्यंग्य शैली से युवाओं को खूब लोट-पोट किया. उन्होंने तो युवाओं की महफिल का नाम ही वार्ड 11 रख दिया. उन्होंने कहा कि आदमी के सिर पर दो ही आदमी हाथ फेरती हैं. एक मां और दूसरी पत्नी. मां जब हाथ फेरती हैं तो बाल बढ़ते हैं और पत्नी जब हाथ फेरती है तो बाल उड़ते हैं. वहीं पटना के हास्य कवि शंकर कुमैरी ने महिला कवयित्री पर पलटवार करते हुए कहा कि एक सागर रूप का लहराया होगा, प्यार इनका और भी गहराया होगा, आईना के सामने जब वो गयी होंगी तो आईना में आईना टकरा गया होगा.