पूर्णिया : पूर्णिया मौसम के मामले में भले ही ठंड हो, पर बिजली को लेकर मिजाज गर्म हो गया है. आम नागरिक बाधित विद्युत आपूर्ति के सवाल पर सड़क पर उतरने को तैयार हैं. इधर, आगामी शनिवार से बिजली को लेकर पूर्णिया का माहौल और गरमा जायेगा. शनिवार से बिहार विकास मोर्चा का चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो जायेगा. दरअसल, पिछले मार्च माह से पूर्णिया के शहरी एवं ग्रामीण इलाके में बिजली का सप्लाइ सिस्टम चरमराने लगा है. जगह-जगह घंटों बिजली गुम हो जाती है.
इसकी वजह पूछे जाने पर अधिकारी कभी लोड शेडिंग तो कभी ब्रेक डाउन की बात बता कर बिजली संकट की बात को टाल जाते हैं. आलम यह है कि शहर के मुहल्लों में बिजली कहीं पूरी रात गायब हो जाती है तो कहीं दिन भर लुका छिपी का खेल चलता रहता है. हालांकि गुरुवार को मौसम खुशगवार रहा पर इससे पहले बेशुमार गर्मी में बिजली का घंटों गायब रहना लोगों को बेहाल कर गया. इसका असर कहीं खेती किसानी पर पड़ा है तो कहीं लघु उद्योग भी प्रभावित हुए हैं. जानकारों का कहना है कि पावर सब स्टेशनों में सप्लाइ सिस्टम की व्यवस्था अभी भी दुरुस्त नहीं हो सकी है जिसके कारण बिजली अक्सर ट्रिप करती रहती है.
बाधित बिजली से पानी का संकट : बिजली बाधित हो जाने के कारण शहर के अमूमन सभी घरों में पिछले कुछ महीनों से पानी का संकट भी बनने लगा है. गौरतलब है कि शहरी इलाके से नलकूप लगभग लुप्त हो चुका है. शहरवासी मोटर के जरिये ही घरों में पानी की व्यवस्था किये हुए हैं. बिजली नहीं रहने से पानी नहीं मिल पाता है. इधर, जब से बिजली चरमरा गयी है तब से घर की महिलाएं बिजली आते ही मोटर चलाने के लिए दौड़ पड़ती हैं. कभी टंकी भर जाता है तो कभी आधा भरने से भी पहले बिजली चली जाती है.
बिविमो का आंदोलन कल से
बिजली की बाधित आपूर्ति के सवाल पर बिहार विकास मोर्चा शनिवार से चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर रहा है. इस संबंध में मोर्चा के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को आंदोलन का पहला चरण होगा जिसके तहत आरएन साव चौक पर प्रदर्शन किया जायेगा. प्रदर्शन के बाद विभागीय अधिकारियों का घेराव किया जायेगा. श्री सिंह ने बताया कि इस आंदोलन में न केवल बिहार विकास मोर्चा के सदस्य बल्कि पूर्णिया के आम उपभोक्ता भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पूर्णिया को कम से कम 20 घंटा तक नियमित बिजली मिलनी चाहिए. इस मांग से कोई समझौता नहीं हो सकता. उनकी मांगों में बिजली के गलत विपत्र में सुधार के साथ मानव बल नियुक्ति में घालमेल की जांच प्रमुख रूप से शामिल है.