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बालू के भंडारण में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका, मंत्री बोले- जांच शुरू, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

राज्य में बालू के भंडारण में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका है. इसमें दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर गाज गिरनी तय है. 16 जिलों में 225 'के' लाइसेंसधारी खुदरा बिक्रेता बताये गये थे. सभी के पास करीब 16 करोड़ 35 लाख 61 हजार 740 सीएफटी बालू जमा होने की बात सामने आयी थी.

पटना. राज्य में बालू के भंडारण में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका है. इसकी जांच चल रही है. इसमें दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर गाज गिरनी तय है. दरअसल, 16 जिलों में 225 ‘के’ लाइसेंसधारी खुदरा बिक्रेता बताये गये थे. इन सभी के पास करीब 16 करोड़ 35 लाख 61 हजार 740 सीएफटी बालू जमा होने की बात सामने आयी थी.

अब इस आंकड़े पर सवाल उठे हैं और इसके गलत होने की आशंका जतायी जा रही है. इसकी जांच शुरू हो चुकी है. फिलहाल एनजीटी के निर्देश पर एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू खनन बंद है. इन तीन महीनों के लिए औसत खपत के आधार पर खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से बालू के भंडारण की व्यवस्था की गयी थी, ताकि राज्य में निर्माण कार्य चलता रहे.

हालांकि, इसके बाद कई जिलों में बालू नहीं मिलने और इसकी कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की शिकायतें बड़े पैमाने में आने लगीं. इस मामले में सरकार ने जांच और दोषियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. अब अगले चरण में बालू के भंडारण में धांधली की जानकारी सामने आने पर अफरातफरी मची हुई है.

विभागीय सूत्रों के अनुसार राज्य के 16 जिलों में 225 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता बताये गये थे. इन सभी के पास करीब 16 करोड़ 35 लाख 61 हजार 740 सीएफटी बालू जमा होने की बात सामने आयी थी. इसमें से सबसे अधिक बालू रोहतास जिले में करीब पांच करोड़ 75 लाख 84 हजार सीएफटी जमा होने की जानकारी दी गयी थी.

रोहतास जिले में 17 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता बताये गये थे. वहीं, पटना जिले में सबसे अधिक 64 लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता होने और करीब 86 लाख 98 हजार 550 सीएफटी बालू जमा होने की बात सामने आयी थी. इसके अलावा सात जिलों में नदी किनारे से करीब 300 मीटर के अंदर बंदोबस्तधारियों द्वारा बालू जमा किया गया था. इनमें नवादा, बांका, अरवल, किशनगंज, मधेपुरा, वैशाली और बक्सर शामिल हैं.

एनजीटी की टीम ने किया था दौरा

भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास जिलों के बंदोबस्तधारियों ने एक मई, 2021 और गया जिले के बंदोबस्तधारी ने उससे पहले ही बालू का खनन बंद कर दिया था. इसके बाद इन जिलों से लगातार अवैध खनन की शिकायतें खान एवं भूतत्व विभाग को मिल रही थीं. साथ ही एनजीटी को भी शिकायत मिली थी. इसी शिकायत पर जांच के लिए हाल ही में एनजीटी की टीम तीन दिवसीय दौरे पर आयी थी. उसने माना था कि रोक के बावजूद बालू का अवैध खनन हो रहा है. साथ ही इसके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है.

12 हजार रुपये प्रति 100 सीएफटी बिक रहा बालू

राज्य में बालू की कीमतों में इस कदर उछाल आयी है कि पटना व अन्य जिलों में बालू की कीमत 12 हजार रुपये प्रति 100 सीएफटी तक पहुंच गयी. इसे लेकर हाल ही में खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने सभी डीएम को उनके जिले में बालू की दर निर्धारित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद बालू की दर निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

मंत्री बोले, दोषियों पर होगी कार्रवाई

खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि कई जिलों में बालू के भंडारण के आंकड़ों में गड़बड़ी की शिकायतें आयी हैं. साथ ही ‘के’ लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेताअों की संख्या में भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. यह कहा गया है कि जिन खुदरा विक्रेताओं के लाइसेंस की समय सीमा समाप्त हो गयी थी, उनकी गिनती भी विभागीय आंकड़ों में कर दी गयी. ऐसी हालत में एक तरफ बालू उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा था तो दूसरी तरफ कई जिलों में बिक्री के लिए बालू नहीं था. इन सभी मामले की जांच चल रही है. दोषियों पर कार्रवाई होगी.

Posted by Ashish Jha

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