मछली खाने के दौरान डॉक्टर के गले में फंसा कांटा, बड़ी मुश्किल से मिली राहत

Patna News: आइजीआइएमएस (IGIMS) में सोमवार को अनोखा ऑपरेशन हुआ. मरीज यहां के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल खुद थे. उनके गले में मछली का कांटा फंसा हुआ था, इसे निकालने के लिए बिना चीड़-फाड़ के इंडोस्कोपी विधि से गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर ने ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति अब ठीक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2020 7:09 AM

आइजीआइएमएस में सोमवार को अनोखा ऑपरेशन हुआ. मरीज यहां के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल खुद थे. उनके गले में मछली का कांटा फंसा था. इसे इंडोस्कोपी विधि से गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर ने बाहर निकाला. ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति ठीक है. इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि पांच दिन पहले मछली खाते समय उनके गले में मछली का कांटा फंस गया था. इसके बाद उन्होंने आइजीआइएमएस में ही इएनटी विभाग के डॉक्टरों से संपर्क किया.

Also Read: Bihar Election Results 2020 LIVE updates : बिहार में नीतीश कुमार के ‘सुशासन’ का दिखेगा दम या फैलेगा तेजस्वी यादव का ‘तेज’, आठ बजे से मतगणना
मरीज की जीभ के पिछले छोर पर अटका कांटा 

आइजीआइएमएस के इएनटी विभाग के एचओडी डॉ. राकेश कुमार सिंह ने मरीज के गले की जांच में पाया कि कांटा जीभ के पिछले छोर के पीछे अटका हुआ था. इसके कारण उन्हें खाने में बेहद तकलीफ हो रही थी. उन्हें गले का सूजन कम करने की दवा देकर पांच दिन बाद ओपीडी में बुलाया गया. पांच दिन के बाद सोमवार को जब वो दोबारा पहुंचे. इसके बाद उनके गले की फिर से जांच की गयी. डॉक्टर्स ने इंडोस्कोपी विधि फंसे कांटे को निकालने का प्रयास किया. कांटा निकालने में सफलता नहीं मिली.

Also Read: Bihar Election Result 2020 LIVE : लालू यादव के लाल तेजस्वी करेंगे राज या फिर से नीतीश कुमार ? जानिए बिहार चुनाव का रिजल्ट सबसे पहले यहां, बाहुबली अनंत सिंह के यहां जश्न की तैयारी
दिक्कत होने पर आइजीआइएमएस में इलाज

गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर आशीष कुमार झा ने इंडोस्कोपी विधि से मुंह में पाइप डाल कर गले के पिछले छोर में कांटे को बिना चीर-फाड़ के निकाला. इसमें डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद और डाॅ. रंजीत राणा ने सहयोग किया. डॉ. आशीष कुमार झा ने बताया कि बहुत से लोगों में मछली खाते समय कांटा गले में फंस जाता है. कई बार यह जब नहीं निकलता है तो मरीज की परेशानी बढ़ जाती है. आइजीआइएमएस में बिना चीड़-फाड़ के इसे निकलवा सकता है. यहां इस ऑपरेशन का शुल्क मात्र एक हजार है.

Next Article

Exit mobile version