आनंद तिवारी, पटना: बच्चों की सेहत से जुड़ी एक अच्छी खबर है. पटना जिले में बच्चों की लंबाई में काफी सुधार देखने को मिला है. वहीं, बच्चों का वजन भी पहले की तुलना में बेहतर हुआ है. अच्छा पोषण व उचित देखभाल से यह मुमकिन हुआ है. विशेषज्ञ डॉक्टर टीकाकरण के आंकड़ों में सुधार को भी इसकी वजह मान रहे हैं. यह खुलासा राष्ट्रीय परिवार व स्वास्थ्य सर्वे यानी एनएचएफएस 2021-22 की रिपोर्ट में हुआ है. डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में सुधार दर्ज की गयी है.
पांच साल में छह प्रतिशत हुआ सुधार
अच्छे पोषण का असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है. एनएचएफएस की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में राजधानी में 48.8 प्रतिशत बच्चों की लंबाई और वजन सामान्य से कम था. 2019-20 में इसमें सुधार हुआ और कम वजन और लंबाई वाले बच्चों का प्रतिशत घट 46 फीसदी पर पहुंच गया. वर्तमान में 43.1 बच्चे ही सामान्य वजन और लंबाई में कम हैं. इस तरह छह साल में बच्चों के स्वास्थ्य में काफी सुधार आया, यानी करीब 6 प्रतिशत बच्चों का वजन और लंबाई बढ़ी.
ग्रामीण इलाकों के बच्चे एनीमिया से ज्यादा प्रभावित
एनएफएचएस की रिपोर्ट के अनुसार जिले के ग्रामीण इलाकों के बच्चे एनीमिया से ज्यादा प्रभावित हैं. शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में पांच साल तक की उम्र के बच्चे एनीमिया के ज्यादा शिकार हुए हैं. बिहार में जहां शहरों में यह आंकड़ा 64.4 फीसदी है, वहीं ग्रामीण इलाकों में 68.6 है.
बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह करें
अपने बच्चे को जन्म के छह माह तक स्तनपान कराएं
छह माह बाद दाल व पौष्टिक आहार दें
थोड़ी-थोड़ी देर में आहार देते रहें
समय पर टीका जरूर लगावाएं
खुले में खेलने-कूदनें दे
जन्म के समय बच्चों का वजन 2.8-3.2 किलोग्राम की करीब होना चहिए
पांच साल के स्वस्थ बच्चे का वजन 18 से 19 किलो ग्राम तक रहना चाहिए
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ केके राय का कहना है कि बच्चों की अच्छी सेहत के लिए टीकाकरण जरूरी है, इसलिए समय पर अपने बच्चे को सभी वैक्सीन जरूर लगवाएं. टीकाकरण होगा तो संक्रमण आदि अन्य रोग बच्चे को असानी से नहीं घेरेंगे. कम बीमार पड़ने वाले बच्चे तुरंत ठीक होकर तंदुरुस्त रहेंगे. वहीं पटना जिले में अलग-अलग टीम द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवा पहुंचायी जा रही है. परिजनों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाता है.