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अब दिल के मरीजों के घर जायेंगे डॉक्टर
आइजीआइएमएस. मई से शुरू होगी सुविधा मोबाइल कोरोनरी केयर (एंबुलेंस) की तैयारी पूरी, स्वास्थ्य विभाग दे रहा दो एंबुलेंस पटना : आइजीआइएमएस के हृदय रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज के घर जाकर इलाज करेंगे. कार्डियोलॉजी विभाग के टॉल फ्री नंबर पर सूचना मिलने पर डॉक्टर मोबाइल कोरोनरी केयर (एंबुलेंस) लेकर पहुंच जायेंगे. वहां मरीज का […]
आइजीआइएमएस. मई से शुरू होगी सुविधा
मोबाइल कोरोनरी केयर (एंबुलेंस) की तैयारी पूरी, स्वास्थ्य विभाग
दे रहा दो एंबुलेंस
पटना : आइजीआइएमएस के हृदय रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज के घर जाकर इलाज करेंगे. कार्डियोलॉजी विभाग के टॉल फ्री नंबर पर सूचना मिलने पर डॉक्टर मोबाइल कोरोनरी केयर (एंबुलेंस) लेकर पहुंच जायेंगे. वहां मरीज का इलाज करेंगे, यदि डॉक्टर को लगेगा कि मरीज का इलाज यहां संभव नहीं होगा, तो उसे इलाज करते हुए अस्पताल लायेंगे और यहां भरती करके इलाज शुरू करेंगे. यह सुविधा मई से मरीजों को मिलने लगेगी. वहीं वर्तमान में चल रहा सरकारी एंबुलेंस चार्ज ही मरीजों से लिया जायेगा.
पटना से शुरू होगी यह सुविधा
एंबुलेंस वैन की सुविधा फिलहाल पटना से शुरू होने जा रही है. इसके लिए अस्पताल प्रशासन कार्डियोलॉजी विभाग के लिए अलग से टॉल फ्री नंबर शुरू करने जा रहा है. जारी होनेवाले इस टॉल फ्री नंबर पर शहर में रहनेवाले लोग 24 घंटे में कभी भी फोन कर हृदय रोग संबंधी जानकारी दे सकते हैं. सूचना के बाद संस्थान के डॉक्टर एंबुलेंस वैन से संबंधित जगह जायेंगे और इलाज करेंगे.
कार्डियक वैन शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दो एंबुलेंस देने पर सहमति जता दी है. एंबुलेंस आने के बाद अगले महीने से यह सुविधा शुरू होने की पूरी उम्मीद है. फिलहाल यह सुविधा पटना शहर से शुरू की जायेगी.
डॉ वीपी सिंह, विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग,
पटना : एचआइवी पीड़िता का 20 सप्ताह का गर्भ गिराने या न गिराने के मामले में हाइकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को आइजीआइएमएस में एक बैठक का आयोजन किया गया. संस्थान के निदेशक डॉ एनआर विश्वास की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मेडिकल बोर्ड के सभी सदस्यों को शामिल किया गया. निदेशक ने बताया कि बलात्कार की शिकायत महिला के मामले में यूरोलॉजी, स्त्री व प्रसूति रोग, सर्जरी विभाग, एनेस्थेसिया आदि कुल सात विभागों से एक-एक सदस्य को चुना गया है. सभी लोगों को फाइनल रिपोर्ट बनाने को बोला गया है. बुधवार तक रिपोर्ट बनाने के बाद आइजीआइएमएस के लीगल एडवाइजर के माध्यम से गुरुवार को कोर्ट में मांगी गयी रिपोर्ट को सौंप दिया जायेगा.
गौरतलब है कि पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को आइजीआइएमएस के मेडिकल बोर्ड से जवाब मांगा था कि 20 सप्ताह का गर्भ गिराया जा सकता है या नहीं? यह आदेश जस्टिस दिनेश सिंह की एकल पीठ ने एक महिला की ओर से दायर याचिका के बाद दिया था. आनन-फानन में रिपोर्ट तैयार करने का आदेश निदेशक ने दिया.
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