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राहत. वित्तरहित शिक्षा कर्मियों को 31 मई तक अनुदान, भेजे जा रहे 303 करोड़, सीधे खाते में जायेगी राशि

पटना : राज्य के वित्तरहित शिक्षकों और कर्मचारियों का बकाया अनुदान 31 मई तक दे दिया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार 303 करोड़ रुपये भेज रही है. अनुदान की राशि के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश भी दिया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि राशि […]

पटना : राज्य के वित्तरहित शिक्षकों और कर्मचारियों का बकाया अनुदान 31 मई तक दे दिया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार 303 करोड़ रुपये भेज रही है. अनुदान की राशि के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश भी दिया है.
साथ ही यह भी कहा गया है कि राशि सीधे शिक्षकों के बैंक खाते में जाये और इस बात की पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड भी की जाये कि किन-किन शिक्षकों को कितना अनुदान दिया गया. शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने इस मामले में जल्द कार्रवाई करने के लिए बिहार बोर्ड को निर्देश दिया है. शिक्षकों को अनुदान देने के लिए पूर्व में 285 करोड़ रुपये भेजे गये थे अौर अब सरकार 303 करोड़ रुपये भेजने जा रही है. इससे वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए अनुदान का भुगतान हो सकेगा. इसे 31 मई तक वित्तरहित शिक्षकों व कर्मियों के खाते में भेज दिया जायेगा. माध्यमिक स्कूलों,
इंटर और डिग्री कॉलेजों में फिलहाल वित्तीय वर्ष 2010-11 का ही भुगतान हो रहा है. 2011-12 और 2012-13 की राशि भी तीन साल पहले स्वीकृत हो गयी है. वित्तरहित शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के आंदोलन के बाद सरकार ने नियम के अनुसार इसके भुगतान का भी निर्देश दिया है.
राज्य में 715 वित्तरहित माध्यमिक स्कूल, 507 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज अौर 240 डिग्री कॉलेज हैं. 2009-10 के अनुदान की राशि 210 वित्तरहित माध्यमिक स्कूलों को मिल सकी, 505 स्कूलों का बकाया रह गया. वहीं, 2010-11 के अनुदान की राशि 598 स्कूलों को मिली है.
अब भी 117 स्कूलों को अनुदान का भुगतान नहीं हो सका है. वहीं, राज्य के 240 डिग्री कॉलेज और 507 इंटर प्रस्वीकृत कॉलेजों में से करीब 100 कॉलेजों का भुगतान भी लंबित है. लंबित भुगतान के साथ-साथ अब वित्तरहित शिक्षाकर्मियों को 2011-12 की बकाया राशि का भुगतान किया जा सकेगा. 2011-12 की बकाया राशि के भुगतान के बाद 2012-13 की स्वीकृत हो चुकी राशि के भुगतान की प्रक्रिया की जायेगी.
इंटर प्रैक्टिकल का भी बहिष्कार करेंगे वित्तरहित शिक्षक
रिजल्ट के आधार पर मिलता है अनुदान
पटना. वित्तरहित संस्थानों को मैट्रिक, इंटर व स्नातक परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर अनुदान दिया जाता है. प्रथम श्रेणी से पास होनेवाले प्रति छात्र ‍‍Rs 4500 और प्रति छात्रा Rs 4800 अनुदान िमलता है. वहीं, द्वितीय श्रेणी से पास होनेवाले प्रति छात्र Rs 4000 और प्रति छात्रा Rs 4300, जबकि तृतीय श्रेणी से पास करनेवाले प्रति छात्र Rs 3500 और प्रति छात्रा Rs 3800 अनुदान मिलता है. स्कूल व कॉलेजों को रिजल्ट के आधार पर बिहार बोर्ड से राशि की मांग करनी होती है. बिहार बोर्ड रिजल्ट से रिजल्ट से मिलान कर राशि की मांग सरकार से करता है. सरकार से राशि आने के बाद उसे स्कूलों को भेजा जाता है.
इंटर परीक्षा की कॉिपयों के मूल्यांकन का कर रहे 12 दिनों से बहिष्कार
पटना. करीब 40 हजार वित्तरहित शिक्षा कर्मी इंटर प्रायोगिक परीक्षा का भी बहिष्कार करेंगे. वे फिलहाल 12 दिनों से इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे हैं. प्रायोगिक परीक्षा के बहिष्कार का निर्णय रविवार को वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा की बैठक में लिया गया. बैठक में वित्तरहित कर्मियों ने सरकार पर शिक्षकों के आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया. वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा ने अनुदान की जगह वेतनमान देने और रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 साल करने की मांग भी की है. मोरचा के कार्यकारी अध्यक्ष राय श्रीपाल सिंह, महासचिव जयनारायण सिंह मधु ने प्रायोगिक परीक्षा के बहिष्कार को भी सफल बनाने का अनुरोध किया.

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