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आसान होंगी राहें- सभी स्टेट हाइवे 7 मीटर होंगे चौड़े

पटना : राज्य के किसी हिस्से से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लिए राज्य के सभी उच्च पथों को दो लेन का बनाया जायेगा. इसके लिए इन पथों को कम-से-कम सात मीटर चौड़ा किया जायेगा. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इस निर्णय से पूरे राज्य में यातायात सुगम […]

पटना : राज्य के किसी हिस्से से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लिए राज्य के सभी उच्च पथों को दो लेन का बनाया जायेगा. इसके लिए इन पथों को कम-से-कम सात मीटर चौड़ा किया जायेगा. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इस निर्णय से पूरे राज्य में यातायात सुगम होगा और लोगों को राज्य के किसी भी हिस्से से पटना पहुंचने में पांच घंटे से अधिक समय नहीं लगेगा. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि सभी जिला पथों को कम-से-कम साढ़े पांच मीटर चौड़ा किया जायेगा. संकीर्ण पुल-पुलियों को आरसीसी पुल में बदला जायेगा.
पांच घंटे में पटना पहुंचने के लिए बारहमासी सड़कों के लिए सभी पुल-पुलियों को एनएच, एसएच, एमडीआर के मिशिंग लिंक को जोड़ कर स्टार ग्रीड पैटर्न पर हाइ स्पीड गलियारा विकसित किया जायेगा. शहर में जाम की समस्या से निबटने के लिए मल्टी लेन सड़कें और डिवाइडर बनेंगे. सड़कों पर होनेवाले जलजमाव को दूर करने के लिए तेज गति से जल निकासी के लिए नाले का निर्माण होगा. पांच घंटे में पटना पहुंचने के लिए बननेवाले पथों के लिए सरकार आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लेगी. इन सुझावों की समीक्षा के बाद पथ निर्माण कराया जायेगा.
वैकल्पिक सड़क और बाइपास बनेगा
शहरों में संकीर्ण सड़कों की वजह से होने वाली जाम से निबटने के लिए जहां वैकल्पिक सड़क नहीं है, वहां वैकल्पिक मार्ग और बाइपास का निर्माण होगा. इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है.
कृषि उत्पादन के क्षेत्र, पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व के पथों का होगा विकास
कैबिनेट ने राज्य में पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक महत्व के पथों के साथ-साथ कृषि उत्पादक क्षेत्र और राज्य के प्रमुख बाजारों को जोड़नेवाली सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर बनायेगी. कैबिनेट सचिव ने बताया कि सड़क निर्माण में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकी का प्रयोग किया जायेगा. इससे सड़क सुरक्षा के मानकों के प्रावधानों के अनुसार रोड नेटवर्क का विकास किया जायेगा.
प्रखंड और अनुमंडलों से जुड़ेंगे जिला मुख्यालय
बैठक में जिला मुख्यालयों से अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालयों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है. इसमें यातायात और जनसंख्या के घनत्व के अनुसार सड़कों का चौड़ा किया जायेगा. वहीं, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक संवेदनशीलता के आधार पर वैकल्पिक सड़कें और बाइपास बनेंगे.
गैर राज्य उच्च पथों का होगा अधिग्रहण पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लिए राज्य पथों के अलावा अन्य पथों का भी अधिग्रहण किया जायेगा. घनी आबादी वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक सड़क बनायी जायेगी. ऐसे सड़कों के अधिग्रहण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में पथ निर्माण विभाग की बैठक में निर्णय लिया जायेगा. ऐसे सड़कों में दो उच्च पथ, राज्य पथ, एक राज्य पथ से दूसरे जिला पथ को जोड़ा जायेगा, जिसमें सांस्कृतिक महत्व, पर्यटन और कृषि उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण सड़कें शामिल होगी.
पथ विकास दृष्टि पथ 2020 के अनुसार ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई साढे आठ मीटर होगा. कम-से-कम छह मीटर की चौड़ाई के लिए भी सड़कों का चयन किया जायेगा, बशर्ते, भविष्य में इसकी चौड़ाई की संभावना हो. इसमें पीएम ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावित दूसरे चरण के अंतर्गत आनेवाली सड़कों का चयन नहीं किया जायेगा.
आठ सदस्यीय समिति रखरखाव की करेगी निगरानी
सीमित संसाधन में बड़े पैमाने पर बनने वाले सड़कों के निर्माण, पुल-पुलियों के निर्माण, विकास, रख -रखाव आदि के लिए वार्षिक योजना बनाया जायेगा. इसे प्रभावी रूप से लागू करने और पारदर्शिता बनाये रखने के लिए प्रधान सचिव या सचिव पथ निर्माण विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा. इसमें सदस्य सचिव के रूप में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव व विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभिंयता सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव और नगर विकास एवं आवास विभाग के मुख्य अभियंता को शामिल किया जायेगा. वहीं, सदस्य के रूप में पथ निर्माण विभाग, अनुश्रवण के मुख्य अभियंता, उत्तर बिहार उपभाग के मुख्य अभियंता, दक्षिण बिहार उपभाग के मुख्य अभियंता और राष्ट्रीय उच्च पथ उपभाग के मुख्य अभियंता को शामिल किया गया है. यही समिति इन निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण कर वार्षिक कार्य योजना की अनुशंसा करेगी.
विश्व बैंक समेत अन्य एजेंसियों से ली जायेगी मदद
वार्षिक कार्य योजना को लागू करने के लिए विजन डाॅक्यूमेंट के आधार पर योजनाओं का चयन किया जायेगा. इसके लिए राज्य योजना मद, केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि, सड़क निधि, नाबार्ड, एडीबी, जायका, विश्व बैंक, ब्रिक्स के तहत एनडीबी, व अन्य संस्थाओं से मिलनेवाली ऋण और निवेश का आकलन कर योजनाओं को पूरा किया जायेगा. राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति में जम्मू-कश्मीर से बीएड करनेवालों को भी अब शामिल किया जायेगा. अब तक वहां से बीएड करनेवालों की बिहार में नियुक्ति नहीं होती थी. इसके लिए बिहार जिला पर्षद माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली, 2017 और बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियामवली संशोधन नियमावली, 2017 मंजूर की गयी.

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