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भू-जल संरक्षण व मिट्टी क्षरण रोकने के लिए होगा काम
पटना : गया, औरंगाबाद, जमुई और बांका में भू-जल स्तर बढ़ाने और मिट्टी क्षरण रोकने के लिए अब पर्यावरण एवं वन विभाग ने मोरचा संभाला है.पहले चारों प्रमंडलों में इस योजना पर भूमि राजस्व और जल संसाधन विभाग से काम कराने का सरकार ने निर्णय लिया था, किंतु फैसला पर्यावरण एवं वन विभाग के पक्ष […]
पटना : गया, औरंगाबाद, जमुई और बांका में भू-जल स्तर बढ़ाने और मिट्टी क्षरण रोकने के लिए अब पर्यावरण एवं वन विभाग ने मोरचा संभाला है.पहले चारों प्रमंडलों में इस योजना पर भूमि राजस्व और जल संसाधन विभाग से काम कराने का सरकार ने निर्णय लिया था, किंतु फैसला पर्यावरण एवं वन विभाग के पक्ष में हुआ. चारों प्रमंडलों में भू-जल का स्तर बढ़ाने और मिट्टी क्षरण रोकने पर पर्यावरण एवं वन विभाग 7.73 करोड़ रुपये खर्च करेगा. चारों प्रमंडलों में 6171.82 हेक्टेयर में पर्यावरण एवं वन विभाग मिट्टी क्षरण रोकने का काम करेगा.
पर्यावरण एवं वन विभाग चारों प्रमंडलों में सिर्फ भू-जल का स्तर बढ़ाने और मिट्टी क्षरण रोकने के मोरचे पर ही काम नहीं करेगा, बल्कि सामाजिक संगठन की भूमिका भी निभायेगा. वन विभाग चारों प्रमंडलों के वन क्षेत्र के निवासियों का जीवन परिवर्तन भी करेगा. इन सबके अलावा वन विभाग चारों प्रमंडलों में पर्यावरण सुधारने का भी काम करेगा. पर्यावरण असंतुलन के कारण चारों प्रमंडलों का भू-गर्भ जलस्तर तेजी से घट रहा है. सबसे तेजी से गया और औरंगाबाद में भू-गर्भ जल स्तर कम हो रहा है.
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