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सिमुलतला में नामांकन फिर लटका अब तक घोषित नहीं की गयी तिथि

लापरवाही. एक ही लिखित परीक्षा लेने की तैयारी में बिहार बोर्ड पटना : मैट्रिक के रिजल्ट घोषित होने के बाद सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन समय पर कराने की घोषणा तो की गयी, लेकिन अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. 2016 की तरह 2017 सत्र के लिए भी नामांकन अधर में लटकता […]

लापरवाही. एक ही लिखित परीक्षा लेने की तैयारी में बिहार बोर्ड
पटना : मैट्रिक के रिजल्ट घोषित होने के बाद सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन समय पर कराने की घोषणा तो की गयी, लेकिन अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. 2016 की तरह 2017 सत्र के लिए भी नामांकन अधर में लटकता नजर आ रहा है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है.
ज्ञात हो कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया नवंबर से मार्च तक चलती है. लेकिन, अब तक नामांकन के लिए आवेदन की तिथि भी घोषित नहीं की गयी है.
एक ही लिखित परीक्षा है अब विकल्प : समिति सूत्रों की मानें तो2016 की तरह इस बार भी एक ही लिखित परीक्षा के माध्यम से छात्र-छात्राओं को चुना जायेगा. अप्रैल से सत्र की शुरुआत होने से पांच महीने पहले से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हाेती है. लेकिन, अब जब दो महीने बीत चुके हैं और नामांकन के लिए आवेदन की तिथि भी घोषित नहीं की गयी है.ऐसे में अब समिति एक ही लिखित परीक्षा लेने की तैयारी कर रही है.
नवंबर में आवेदन, दिसंबर और जनवरी में परीक्षा : सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए तीन स्तर पर परीक्षा ली जाती है. नवंबर में आवेदन भराने का काम है. इसके बाद दिसंबर में प्रारंभिक परीक्षा और जनवरी में लिखित या मेंस परीक्षा ली जाती है. इसके बाद जाे छात्र और छात्राएं चुने जाते हैं, उनका मेडिकल होता है. मेडिकल के बाद चुने गये छात्र और छात्राओं का ही नामांकन होता है. सत्र की शुरुआत दो अप्रैल से होती है.
पटना. किस स्कूल के पास कितनी राशि बची हुई है, किस स्कूल ने कितनी राशि जिला शिक्षा कार्यालय को वापस नहीं की, इसकी जानकारी के लिए स्कूलों के एकाउंट की जांच की जायेगी.
इसकी तैयारी जिला शिक्षा कार्यालय ने शुरू कर दी है. इसके लिए शनिवार को बैठक होगी. बैठक में शामिल प्राचार्य से इसकी जानकारी ली जायेगी. ज्ञात हो कि स्कूल डेवलपमेंट के नाम पर स्कूलों को विभिन्न योजनाओं के तहत शिक्षा विभाग की ओर से राशि उपलब्ध करायी गयी थी. इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने बची हुई राशि को वापस नहीं किया.
राशि में काफी अंतर : जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिन स्कूलों ने जानकारी दी है, उनके खर्च और बची हुई राशि में काफी अंतर आ रहा है. सभी स्कूल के प्राचार्य से राशि खर्च का विवरण मांगा गया है. ज्ञात हो कि 2014, 2015 और 2016 में स्कूलों के विकास से संबंधित कई योजनाओं के मद में राशि स्कूलों को भेजी गयी, लेकिन कई स्कूलों ने राशि खर्च नहीं की और न ही राशि जिला शिक्षा कार्यालय को लौटीयी.
डीपीओ डाॅ अशोक कुमार ने कहा कि स्कूलों से कई बार बची हुई राशि की जानकारी देने के लिए कहा गया. लेकिन, स्कूल प्रशासन ने अब तक जानकारी नहीं दी है. बैठक में प्राचार्यों से इसकी जानकारी ली जायेगी. जरूरत पड़ने पर एकाउंट की जांच भी होगी.

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