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महागठबंधन सरकार का पहला वार्षिक रिपोर्ट कार्ड जारी

पटना : बिहार में कड़ा शराबबंदी कानून लागू करने तथा अपने सात निश्चय के तहत राज्यवासियों को बिजली, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्यारंभ करते हुए नीतीश कुमार नीत प्रदेश की महागठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल का एक साल कल पूरा कर लिया. बिहार की वर्तमान सरकार का गठन गत वर्ष […]

पटना : बिहार में कड़ा शराबबंदी कानून लागू करने तथा अपने सात निश्चय के तहत राज्यवासियों को बिजली, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्यारंभ करते हुए नीतीश कुमार नीत प्रदेश की महागठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल का एक साल कल पूरा कर लिया. बिहार की वर्तमान सरकार का गठन गत वर्ष 20 नवंबर को हुआ था. कल एक साल पूरा होने पर प्रदेश सरकार की ओर से अपना वार्षिक रिपोर्ट कार्ड आज जारी किया है.

बिहार सरकार द्वारा कल अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाना था, पर इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसा के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था. बिहार राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के वेबसाइट पर प्रदेश सरकार द्वारा अपना वार्षिक रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया है. बिहार में राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए जा रहे विकासात्मक और जनकल्याणकारी कार्य को लेकर प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट कार्ड जारी करने की परंपरा की शुरुआत साल 2005 में सत्ता में आने पर शुरुआत की थी. जिसकी अगली कड़ी में प्रदेश की वर्तमान महागठबंधन सरकार ने कल अपना एक साल पूरा होने पर आज यह रिपोर्ट कार्ड जारी किया है.

महागठबंधन सरकार का ‘न्याय के साथ विकास यात्रा, महागठबंधन सरकार का एक वर्ष’ के शीर्षक वाला यह 140 पृष्ठ वाले इस रिपोर्ट कार्ड में मुख्य रूप से प्रदेश की जदयू-राजद-कांग्रेस सरकार द्वारा लागू कियेगये अपने सात निश्चय कार्यक्रम की चर्चा के साथ इसके जरिए सुशासन के कार्यक्रम के बिंदुओं से संबंधित विकास कार्य एवं उपलब्धियों को दर्शाया गया है.

रिपोर्ट कार्ड के शुरुआत में ‘दो शब्द’ शीर्षक के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हम राज्य के चहुंमुखी विकास कर गरीब एवं अभिवंचित वर्गों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कृतसंकल्पित हैं. महागठबंधन सरकार के साझा कार्यक्रम के संकल्प को दोहराते हुए सुशासन के कार्यक्रम :2015-2020: निर्धारित कियेगये हैं. उन्होंने कहा कि हमने राज्य के नागरिकों से वायदे किए उन्हें पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं. सरकार का एक वर्ष पूरा होने के पहले ही सभी सात निश्चय को लागू कर योजनाओं का कार्यान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है.

नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी के समन्वित प्रयास से बिहार विकसित और खुशहाल प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है. उनका दृढ विश्वास है कि बिहार विकास के नए मानक स्थापित कर देश की प्रगति में अपना योगदान देगा और अपने गौरव को पुनर्स्थापित करेगा.

उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है. बिना कोई द्वेष या भेदभाव के कानूनी प्रावधानों एवं प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपराध पर नियंत्रण तथा अपराधियों को निष्प्रभावी करने के लिए ठोस व्यवस्था लागू है. संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. बिहार में आज साम्प्रदायिक सदभाव और सामाजिक सौहार्द का माहौल है. पुलिस तंत्र के सुदृढीकरण हेतु अनेक कदम उठाये गये हैं ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सके.

नीतीश ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेन्स’ की नीति पर राज्य सरकार की मुहिम जारी है. कानूनी एवं संस्थागत व्यवस्था कर भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध प्रभावकारी कार्रवाई सुनिश्चित की गयी है. प्रशासन के निचले स्तरों पर भ्रष्टाचार की समस्या के निदान के लिए बिहार लोक सेवा का अधिकार कानून लागू है. अद्यतन 14 करोड से अधिक आवेदनों का निष्पादन कर नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाएं एक नियत समय सीमा के अंतर्गत उपलब्ध करायीगयी है.

उन्होंने कहा कि नागरिकों को कानूनी अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाने की अपनी नीति को आगे बढाते हुए गत 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस एवं विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 को लागू किया गया है. बिहार देश का ऐसा पहला राज्य है जहां आम लोगों को उनके परिवाद पर सुनवाई के साथ-साथ नियत समय सीमा में इसके निवारण का भी कानूनी अधिकार प्राप्त हुआ है.

नीतीश ने कहा कि इस अधिनियम की सफलता इसी बात से साबित होती है कि इतने कम दिनों के अंदर 82122 आवेदन पत्र इस व्यवस्था के तहत प्राप्त हुए हैं, जिसमें 60908 मामलों का समय सीमा के भीतर निष्पादन किया जा चुका है.

नीतीश ने रिपोर्ट कार्ड में कहा है कि राज्य सरकार न्याय के साथ विकास का नजरिया रखते हुए सभी लोगों, क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए संकल्पित है. राज्य में विकास की रणनीति समावेशी न्यायोचित और सतत होने के साथ आर्थिक प्रगति पर आधारित है. उन्होंने कहा कि सरकार के गठन के साथ ही न्याय के साथ किास पर आधारित साझा कार्यक्रम के संकल्प को दोहराते हुए आगामी पांच वर्ष में बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सुशासन के कार्यक्रम :2015-2020: को निर्धारित करते हुए इसे संपूर्ण राज्य में लागू करने का निर्णय लिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप मानव विकास मिशन, कौशल विकास मिशन और औद्योगिक प्रोत्साहन एवं निवेश की जो हमारी नीतियां एवं कार्यक्रम हैं, उन्हें मजबूती के साथ आगे भी जारी रखा गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अति पिछडा वर्ग, पिछडा वर्ग सामान्य वर्ग के गरीब, अल्पसंख्यक समुदाय एवं महिलाओं तथा बच्चों के लिए हमारी जो नीतियां एवं कार्यक्रम हैं, उनपर हमने दृढतापूर्वक अमल किया है तथा आगे भी उनके कार्यान्वयन के लिए हम मजबूती से कार्य कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सुशासन के कार्यक्रम में हमने अपनी पूर्व की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए बिहार के सर्वागीण विकास के लिए कुछ नये संकल्प लिये. नीतीश ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि सभी राज्यवासियों को न सिर्फ मूलभूत सुविधाएं यथा पेयजल शौचालय एवं बिजली उपलब्ध हो बल्किी आधारभूत संरचनाओं यथा सड़क गली नाली पुल आदि का भी विस्तार हो. हमने युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सक्षम बनाने तथा उनके लिए उच्च व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था करने का भी संकल्प लिया है. इन्हीं बिंदुओं को समाहित करते हुए सरकार ने विकसित बिहार के 7 निश्चय की रुप रेखा तैयार की तथा उन्हें सुशासन के कार्यक्रम :2015-20: के तहत समाहित किया.

सीएमने कहा कि सात निश्चय के तहत कार्यान्वित योजनाओं को सार्वभौमिक स्वरुप दिया गया ताकि इसका लाभ बगैर किसी भेद-भाव के सभी क्षेत्रों, समुदायों वर्गो के नागरिकों को प्राप्त हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार के गठन के मात्र 2 माह में ही सात निश्चयों में एक निश्चय आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार को लागू करने की स्वीकृति दी गयी. सरकार ने महिला सशक्तीकरण की मुहिम को और आगे बढाते हुए राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निश्चय किया और 20 जनवरी 2016 से लागू भी कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि सरकार के दो निश्चय क्रमश: हर घर नल का जल तथा शौचालय निर्माण, घर का सम्मान के अंतर्गत योजनाओं का शुभारंभ 27 सितम्बर 2016 को किया गया. नीतीश ने कहा कि बिहार की नयी पीढी को शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करते के लिए सक्षम बनाने के लिए आर्थिक हल युवाओं को बल निश्चय के तहत समूकित कार्य येाजना तैयार की गयी है. इस समेकित कार्य योजना के 5 घटक हैं, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम का शुभानंभ गांधी जयन्ती गत 2 अक्तूबर को किया गया.

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य दो योजनाओं में से बिहार स्टार्ट अप नीति 2016 को मंंजूरी दे दी गयी है और 500 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल का प्रावधान किया गया है. इसके क्रियान्वयन की व्यवस्था को अंतिम रुप दिया गया है और उद्यमियों से प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया गया है. साथ ही सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में नि:शुल्क वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है और इस सुविधा को फरवरी 2017 तक उपलब्ध कराने के लिए एजेन्सी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है.

नीतीश ने कहा कि बिजली की स्थिति को सुधारने का काम राज्य सरकार ने चुनौती मानकर स्वीकार किया और इसमें उत्तरोत्तर सुधार हुआ है. राज्य में विद्युत आपूर्ति 3769 मेगावाट पहुंच गयी है. उत्पादन, संचरण, उपसंचरण एवं वितरण प्रणाली के व्यापक सुधार के लिए अनेक योजनाओं पर काम चल रहा है. वर्तमान में राज्य के 39073 गांवों में 37967 गांवों में विद्युत की संपर्कता उपलब्ध है. शेष गांवों में दिसंबर 2017 तक विद्युत संपर्कता उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 15 नवंबर को सरकार के हर घर बिजली लगातार निश्चय का शुभारंभ किया गया है. इस निश्चय के अंतर्गत आगामी 2 वर्षो में राज्य सरकार मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के तहत अपने संसाधनों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों तक मीटर के साथ विद्युुत संबंध उपलब्ध करायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में 313 औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं तथा 178 इकाइयों में प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन का कार्य प्रगति में है.

नीतीश ने कहा कि औद्योगिक निवेश को अधिक सहज बनाने के उद्देश्य से बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन अधिनियम 2016 को लागू किया गया है. राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं को उदयमिता को बढावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति 2016 को गत 7 सितंबर से लागू किया है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा पीड़ितों को राहत एवं बचाव का हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है. इसी उद्देश्य से विभिन्न आपदाओं के लिए राज्य सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया गठित की है. आपदा प्रतिक्रिया में मानदंड स्थापित करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है जहां 24 घंटे में मृतकों के परिवार को अनुग्रह अनुदान भुुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. सेंडई फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के परिप्रेक्ष्य में 15 वर्षीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप 2015-2030 तैयार करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना है. इस रोडमैप के कार्यान्वयन के लिए आरआईएसयू का गठन तथा बैंकॅाक के एशियन प्रीपेयर्डनेस सेंटर के साथ इसके क्रियान्वयन के लिए समझौता पत्र हस्ताक्षरित किया गया है.

नीतीश ने कहा कि अनुशासित एवं आधुनिक प्रशासनिक तथा वित्तीय संरचना को स्थापित करते हुए राज्य में विकास एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया गया है. योजनाओं एवं नीतियों का सूत्रण इस प्रकार से किया गया है कि विकास की ज्योति हर क्षेत्र एवं हर वर्ग तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षो में राज्य ने तेजी से विकास किया है. बिहार ने न केवल दो अंकों का उच्च विकास दर हासिल किया है, बल्कि बहुसंख्यक गरीबों को गरीबी रेखा से उपर उठाया है. हमारे राज्य के आर्थिक विकास में सभी की व्यापक हिस्सेदारी रही है और हमारा विकास समावेशी है. वर्ष 2005-2006 में राज्य का वार्षिक बजट 22 हजार 500 करोड रुपये था जो अब एक लाख 44 हजार करोड़ रुपये है.

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