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आठ दिनों से बार बंद, कम हुई आवाजाही

पटना: हर दिन गुलजार रहने वाला बांकीपुर क्लब के बार में वीरेश रंजन की मौत के बाद से ही ताला लटका हुआ है. पुलिस की जांच और उनके द्वारा की जा रही पूछताछ को देखते हुए क्लब में आवाजाही भी कम हो गयी है. सफाई कर्मचारियों के सिवाय कुछ ही सदस्य शाम के वक्त क्लब […]

पटना: हर दिन गुलजार रहने वाला बांकीपुर क्लब के बार में वीरेश रंजन की मौत के बाद से ही ताला लटका हुआ है. पुलिस की जांच और उनके द्वारा की जा रही पूछताछ को देखते हुए क्लब में आवाजाही भी कम हो गयी है.

सफाई कर्मचारियों के सिवाय कुछ ही सदस्य शाम के वक्त क्लब में पहुंच रहे हैं. वीरेश रंजन के परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं रहने से पुलिस उनकी मौत के परदाफाश नहीं होने से चिंतित है. वह भी नहीं समझ पा रही है कि वीरेश रंजन की मौत आखिर कैसे हुई.

परिजनों को रिपोर्ट देने में आनाकानी : वीरेश रंजन की मौत के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पहली नजर में पुलिस को मौत के पीछे ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक की आशंका दिखायी दी. लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इन कारणों का कोई जिक्र नहीं है. पुलिस के अनुसार, रिपोर्ट में मौत के स्पष्ट कारण नहीं बताये गये हैं. मामला जो भी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए वीरेश के परिजन तीन दिनों से परेशान हैं. परिजन रिपोर्ट की कॉपी देने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उसे देने में आनाकानी कर रही है. वीरेश की पुत्री रोहिणी रंजन कहती है कि रिपोर्ट मिलने के बाद वह अपने परिचित डॉक्टरों से रिपोर्ट दिखा कर मौत के कारणों के पता लगाने की कोशिश कर सकती है, पर पुलिस रिपोर्ट देने में देरी कर रही है.

एक में ताला, दो हैं बंद
वीरेश रंजन की मौत के बाद से ही बार में ताला लटका हुआ है. क्लब में पहले की अपेक्षा भीड़-भाड़ कम ही दिखाई दे रही है. घटनास्थल के साथ ही क्लब के अन्य दो बारों में भी शराब पीने-पिलाने पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगी हुई है. क्लब के कुछ स्थायी सदस्य ही शाम के वक्त वहां टहलने जाते हैं. उधर, वीरेश की पत्नी मीना सिंह कहती हैं कि बिहार के हाइ प्रोफाइल लोग बांकीपुर क्लब के सदस्य हैं. इनके संबंध राजनेता से लेकर नौकरशाह तक से हैं. क्लब के सदस्यों में कुछ आइएएस अधिकारी व राजनेता भी हैं. लाल-पीली बत्ती वालों की अनुशंसा पर ही अधिसंख्य कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है. ऐसे में उन कर्मचारियों से पूछताछ का मतलब है कि सीधे नौकरशाह व सफेदपोश लोगों को जांच के घेरे में लेना. पुलिस इनसे बचते हुई बगैर पूछताछ के मामले का वर्क आउट करने की कोशिश कर रही है.

सीएम और डीजीपी से मिलेंगे परिजन
मृतक की पत्नी मीना सिंह कहती हैं कि यदि वीरेश रंजन की मौत का राज नहीं खुला, तो वह इस मामले को लेकर सीएम और डीजीपी से मुलाकात करेंगी. वहीं, इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि जांच सही दिशा में चल रही है. पुलिस जल्द ही दोषी लोगों को गिरफ्तार करेगी.

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