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नाकामी छुपाने के लिए फरक्का का मुद्दा उठा रहे हैं सीएम : मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत वितरण में अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए वे फरक्का बराज और गाद प्रबंधन नीति का मुद्दा उठा रहे हैं. फरक्का बराज की वजह से बिहार में […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत वितरण में अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए वे फरक्का बराज और गाद प्रबंधन नीति का मुद्दा उठा रहे हैं. फरक्का बराज की वजह से बिहार में बाढ़ आयी है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. मुख्यमंत्री बयान देकर भ्रम पैदा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह बयान भी बेबुनियाद है कि बिहार सरकार के आग्रह पर फरक्का बराज के गेट खोले गये, हकीकत है कि मॉनसून के समय में बराज के सभी गेट हमेशा खुले रहते हैं. मुख्यमंत्री स्वयं अभियंता हैं, उन्हें भ्रामक बयान देने के बजाय भारत सरकार की संस्था वापकोस की अध्ययन रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.
जिसे बिहार सरकार ने ही फरक्का बराज के प्रभाव और गंगा के प्रवाह व गाद आदि के अध्ययन के लिए अधिकृत किया है. भारत सरकार ने अप्रैल, 2016 में सीडब्लूपीआरएस के डायरेक्टर डॉ एमके सिन्हा की अध्यक्षता में गंगा व ब्रह्मपुत्र में कटाव व गाद के अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया है.
फरक्का बराज को तोड़ने का तर्क देने से पहले नीतीश कुमार को एक बार ममता बनर्जी से पूछ लेना चाहिए. फरक्का बराज का निर्माण 1975 में 38 किमी लंबी फिडर कैनाल के जरिये हुगली में पानी डायवर्ट करने के लिए किया गया था ताकि कलकत्ता बंदरगाह पर आवागमन की सुगमता बनी रहे. दरअसल बिहार में बाढ़ से बचाव व राहत कार्य की पूर्व से कोई तैयारी नहीं थी. इसलिए मुख्यमंत्री भ्रामक बयानों के जरिये लोगों का ध्यान भटका रहे हैं जबकि उन्हें लाखों बाढ़ पीड़ितों को त्वरित राहत व उनके बचाव पर ध्यान देना चाहिए.
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