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1.47 अरब में बनेंगे परीक्षा भवन

बिहार बोर्ड. गवर्निंग बोर्ड ने दी नौ प्रमंडलों में परीक्षा भवन बनाने की मंजूरी पटना : इंटर और मैट्रिक की परीक्षा लेने के लिए अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास अपना परीक्षा भवन होगा. प्रमंडल मुख्यालय स्तर पर बनने वाले नौ परीक्षा भवनों को बनाने की मंजूरी बोर्ड की बैठक में सोमवार को दी […]

बिहार बोर्ड. गवर्निंग बोर्ड ने दी नौ प्रमंडलों में परीक्षा भवन बनाने की मंजूरी
पटना : इंटर और मैट्रिक की परीक्षा लेने के लिए अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास अपना परीक्षा भवन होगा. प्रमंडल मुख्यालय स्तर पर बनने वाले नौ परीक्षा भवनों को बनाने की मंजूरी बोर्ड की बैठक में सोमवार को दी गयी. भवन निर्माण के लिए एक अरब, 47 करोड़, 11 लाख 95 हजार रुपये की स्वीकृति दी गयी है. अब जल्द ही भवन बनाने का कार्य शुरू किया जायेगा. पांच प्रमंडलों में पांच मंजिला व चार प्रमंडलों में चार मंजिला परीक्षा भवन बनाये जायेंगे. इसके अलावा उच्च माध्यमिक और माध्यमिक प्रभाग को आधुनिकीकरण के लिए राशि को मंजूरी दी गयी है.
भवन संबंधित सारे कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, पटना द्वारा करवाया जायेगा.
बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष आइएएस अानंद किशोर ने की. इसमें माध्यमिक शिक्षा के निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन, राजकीय शिक्षा महाविद्यालय, गया की प्राचार्य रत्ना घोष, तिलकामांझी विवि, भागलपुर के प्रतिकुलपति डाॅ अवध किशोर राय, बीएन मंडल विवि मधेपुरा के प्रतिकुलपति जयप्रकाश झा, पटना विवि के परीक्षा नियंत्रक राम कुमार मंडल और बोर्ड सचिव अनूप कुमार सिन्हा मौजूद थे.
समिति के तीन विंग में होंगे नौ डिप्टी सेक्रेटरी : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कार्यों को तीन विंग में बांटा गया है. तीनों विंग में नौ डिप्टी सेक्रेटरी और तीन असिस्टेंट सेक्रेटरी को रखा गया है.
प्रशासनिक इकाई के हेड सचिव होंगे. सचिव के अंदर में 25 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत होंगे. परीक्षा विभाग में 14 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत रहेंगे. इसके अलावा अकादमिक इकाई को भी एक विंग बनाया गया है. अकादमिक इकाई के हेड डायरेक्टर होंगे. इसमें भी 14 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत होंगे. इसके लिए 21 पदों पर समिति नियुक्ति करेंगी. इन पदों की स्वीकृति बोर्ड की बैठक में ली गयी.
पटना. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में काम कर रहे एडहॉक कर्मचारियों का फैसला अब सरकार करेगी. समिति की अोर से समीक्षा करने के बाद एडहॉक कर्मचारियों के मामले को सरकार के पास भेज दिया गया है. समिति ने कुल 240 कर्मचारियों की लिस्ट सरकार को भेजी है.
इसमें 136 एडहॉक कर्मचारी के अलावा 49 चतुर्थ वर्गीय और 55 कंप्यूटर कर्मी शामिल हैं. ज्ञात हो कि समिति के एडहॉक कर्मचारी पर टॉपर घोटाले में संलिप्तता की बातें सामने आ रही हैं. समिति की ओर से जब कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा की गयी, तो एडहॉक पर काम कर रहे कई कर्मचारियों के वेतन जरूरत से ज्यादा था, इसके बाद सचिव स्तर से वेतन पर रोक लगा दी गयी. एडहॉक कर्मचारियों के पद को लेकर समीक्षा की गयी.
2012 में ही एक महीने का वेतन देकर सरकार ने हटाने का दिया था आदेश : इंटर और मैट्रिक का समायोजन 2007 में किया गया था. समायोजन के लिए सचिव स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी. इसके बाद 2012 में सरकार स्तर पर कुछ पदों को स्वीकृत किया गया. साथ में सरकार ने आदेश दिया कि पदों के अलावा जिन कर्मचारियों के पास नियुक्ति पत्र नहीं है, उन्हें एक महीने का वेतन देकर हटा दिया जाये, पर तत्कालीन अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया. अब तक ये कर्मचारी एडहॉक पद पर कार्यरत हैं.
बोर्ड को अाधुनिकीकरण किया जायेगा. इसके लिए राशि का आवंटन बोर्ड की बैठक में किया गया है. अब सारा काम शुरू किया जायेगा. परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है. उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग की जायेगी. इससे कदाचार होेने की आशंका पूरी तरह समाप्त हो सकेगी.
आनंद किशोर, अध्यक्ष
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
एडहॉक कर्मचारियों के वेतन को लेकर समीक्षा
समिति की ओर से एडहॉक कर्मचारियों के वेतन को लेकर समीक्षा की है. इसके अलावा एडहॉक कर्मचारियों के पदों को लेकर भी समीक्षा की गयी है. सरकार की तरफ से इन पदों को स्वीकृत नहीं किया गया है. 2012 में ही इन कर्मचारियों को एक महीने के वेतन देकर हटाने का अादेश सरकार ने दिया था. अब सरकार ही इस पर फैसला लेगी. हमने इसे सरकार के पास भेज दिया है.
अनूप कुमार सिन्हा, सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति

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