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मूल्यांकन केंद्र पर ही बदले दो हजार छात्रों के मार्क्स
खुलासा. लालकेश्वर प्रसाद ने तीन स्तरों पर अंक देने का खेल खेला, उत्तर पुस्तिका के अंक और फाइल मार्क्स में है अंतर जैसे-जैसे टॉपर्स घाेटाले की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गड़बड़ी और उसे अंजाम देने के तरीके सामने आते जा रहे हैं. मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षक द्वारा मनमर्जी से मार्क्सदिये […]
खुलासा. लालकेश्वर प्रसाद ने तीन स्तरों पर अंक देने का खेल खेला, उत्तर पुस्तिका के अंक और फाइल मार्क्स में है अंतर
जैसे-जैसे टॉपर्स घाेटाले की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गड़बड़ी और उसे अंजाम देने के तरीके सामने आते जा रहे हैं. मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षक द्वारा मनमर्जी से मार्क्सदिये गये.
पटना : इंटर साइंस और आर्ट्स के उन परीक्षार्थियों के मार्क्स को मूल्यांकन केंद्र पर ही बदल दिया गया, जिनकासंबंध सीधा पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के साथ था. जहां वीआर कॉलेज, कीरतपुर की उत्तर पुस्तिकाओं को पटना लाया गया, वहीं कई कॉलेज ऐसे हैं, जहां की उत्तर पुस्तिकाओं पर मनमर्जी से मार्क्स उनके मूल्यांकन केंद्र पर ही दिये गये. मूल्यांकन केंद्र पर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद परीक्षक द्वारा ही यह काम किया गया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कर्मचारियों ने बताया कि दो हजार छात्रों के मार्क्स को मार्क्स फाइल में ही चेंज कर दिया गया. ये काम अलग-अलग मूल्यांकन केंद्रों पर किये गये थे. पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने प्रदेश भर में 10 ऐसे मूल्यांकन केंद्र बनाये थे, जहां पर इन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं को भेजा गया था
उत्तर पुस्तिका में कुछ और फाइल में कुछ नंबर : पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने तीन स्तरों पर इंटर साइंस और आर्ट्स में अंक देने का खेल खेला. पहला, ऐसे कॉलेज जहां की उत्तर पुस्तिकाओं को पटना लाकर मार्क्स दिया गया. वहीं दूसरा, मूल्यांकन के दौरान मार्क्स को बढ़ा दिया गया. तीसरा मूल्यांकन केंद्र पर मूल्यांकन के बाद मार्क्स फाइल में अंक बढ़ाये गये. समिति के कर्मचारियों ने बताया कि जिन छात्रों के मार्क्स फाइल पर अंक बढ़ाये गये, उन छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं पर दिये गये अंक और मार्क्स फाइल पर दिये गये अंक में अंतर हैं.
यह है मार्क्स फाइल की प्रक्रिया :
इंटर और मैट्रिक के रिजल्ट बनने की शुरुआत मूल्यांकन केंद्र से ही होती है. उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद मार्क्स फाइल मूल्यांकन केंद्र पर तैयार की जाती है. मूल्यांकन केंद्र पर दो मार्क्स फाइलें तैयार की जाती हैं. इसके बाद दोनों को सील कर समिति के पास भेज दी जाती है.
जब समिति के पास मार्क्स फाइल आती है, तो सीलबंद एक मार्क्स फाइल प्रोसेसर के पास भेजी जाती है, वहीं उसकी दूसरी फाइल समिति की गोपनीय शाखा में भेजी जाती है. प्रोसेसर के पास जो मार्क्स फाइल पहुंचती है, उसी से छात्र के मार्क्स शीट और टीआर बनाये जाते हैं. इस दौरान अगर किसी छात्र के किसी विषय में अंक नहीं होता है, तो समिति के पास प्रोसेसर छात्र के रोल नंबर और रोल कोड को सही करने के लिए भेजता है. फिर समिति द्वारा उसे सही करके भेजा जाता है.
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