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बाजार दर पर एफसीआइ खरीद रहा मसूर
पटना : राज्य में दाल की कमी के बावजूद एफसीआइ बाजार दर पर मसूर की खरीद कर रहा है. राज्य में मसूर की बिक्री से राज्य को आने वाले दिनों में और अधिक दाल बाहर से मंगानी पड़ सकती है. एफसीआइ से मिली जानकारी के अनुसार अब तक दक्षिण बिहार के पांच खरीद केंद्रों से […]
पटना : राज्य में दाल की कमी के बावजूद एफसीआइ बाजार दर पर मसूर की खरीद कर रहा है. राज्य में मसूर की बिक्री से राज्य को आने वाले दिनों में और अधिक दाल बाहर से मंगानी पड़ सकती है. एफसीआइ से मिली जानकारी के अनुसार अब तक दक्षिण बिहार के पांच खरीद केंद्रों से लगभग चार टन मसूर की खरीद भी हो चुकी है.
जिसमें मोकामा से दो टन और गया से 1.6 टन की खरीद शामिल है. एफसीआइ के अधिकारी ने बताया कि एफसीआइ मुख्यालय के निर्देश पर बिहार में इस साल दस टन मसूर की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है. जिन केंद्रों से मसूर की खरीद होगी, उसमें पटना के मोकामा, फुलवारी, गया, जहानाबाद और मोहनिया शामिल हैं.
एफसीआइ के उप महाप्रबंधक वेद प्रकाश ने बताया कि बिहार में मसूर की खरीद के लिए कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं किया गया है. एफसीआइ राज्य में बाजार भाव पर 68 सौ प्रति क्विंटल की दर खरीद कर रहा है. अन्य राज्यों में मसूर का दर बिहार से कम है.
उधर, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य में ऐसे ही दाल की कमी चल रही है. बिहार को बड़े पैमाने पर दाल की आवश्यकता है.
इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से हाल ही में प्रतिमाह 16 हजार टन दाल की आपूर्ति की मांग की गयी है.
मसूर का उत्पादन करीब 1.41 टन :
राज्य में मसूर की दाल की उपज कुछ ही इलाके में व्यापक स्तर पर किया जाता है. जिसमें पटना, गया,
जहानाबाद और कैमूर जिला शामिल है. इन जिलों में 2014-15 में एक
लाख 40 हजार टन मसूर की उपज है. यह उपज पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा कम है. राज्य में 2010-11 में 1.62
टन, 2011-12 में 1.71 टन, 2012-13 में 1.83 टन, 2013-14 में 1.96 टन मसूर का उत्पादन बिहार में हुआ था.
राज्य में मक्के की खरीद पर कोई निर्णय नहीं
राज्य में जहां कमी के बावजूद मसूर की खरीद की जा रही है, वहीं उत्तर बिहार में व्यापक पैमाने पर मक्के की उपज के बावजूद अब तक इसकी खरीद पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
एफसीआइ अधिकारी ने बताया कि 2015 में ही एफसीआइ ने राज्य सरकार को मक्के की खरीद स्वयं करने संबंधी पत्र भेज दिया है. अब राज्य सरकार को ही इस संबंध में कोई निर्ण लेना होगा. दूसरी ओर, खाद्य आपूर्ति एंव उपभोक्ता उसंरक्षण विभाग के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल राज्य में राज्य सरकार द्वारा मक्के की खरीद पर काेई विचार नहीं चल रही है. राज्य में सलाना लगभग 62 लाख टन मक्के की उपज होती है.
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