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हॉलीवुड की फिल्मों में पटनहिया इफेक्ट्स

क्या आपको पता है कि हॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों में विजुअल इफेक्ट्स डालने का काम पटना में होता है. ‘ट्रांसफाॅर्मर’ फिल्म के एक्शन सीन हों या ‘लाइफ ऑफ पाई’ के सिहरा देनेवाले दृश्य, ‘स्मर्फ’ के कार्टून कैरेक्टर हों या ‘टाइटैनिक’ जैसी फिल्म के थ्री-डी इफेक्ट्स, यह पटना के मल्टीमीडिया आर्टिस्टों की मेहनत का कमाल […]

क्या आपको पता है कि हॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों में विजुअल इफेक्ट्स डालने का काम पटना में होता है. ‘ट्रांसफाॅर्मर’ फिल्म के एक्शन सीन हों या ‘लाइफ ऑफ पाई’ के सिहरा देनेवाले दृश्य, ‘स्मर्फ’ के कार्टून कैरेक्टर हों या ‘टाइटैनिक’ जैसी फिल्म के थ्री-डी इफेक्ट्स, यह पटना के मल्टीमीडिया आर्टिस्टों की मेहनत का कमाल हैं. यहां अपार्टमेंटों व मुहल्लों के बीच विकसित हो रहे इस उद्योग और वहां काम करने वालों की कहानियां.
पुष्यमित्र
pushyamitra@prabhatkhabar.in
पटना : पटना के किदवईपुरी मोहल्ले में एक छोटे से फ्लैट में चार लड़के एक कोरियाई फिल्म की रोटोस्कोपी कर रहे हैं. यानी वे फिल्म के बैकग्राउंड विजुअल में फेरबदल कर उसे और प्रभावी बना रहे हैं. कुछ ही दिन पहले इन लड़कों ने हॉलीवुड की एक बिग बजट मूवी के थ्री-डी कन्वर्जन का काम किया है.
ये लोग टाइटेनिक थ्री-डी और ट्रांसफॉर्मर जैसी फिल्मों के लिए विजुअल इफेक्ट का भी थोड़ा-थोड़ा काम कर चुके हैं. रेड्स वीएफएक्स नाम की इस छोटी-सी कंपनी को हो सकता है इनके मोहल्ले में भी बहुत कम लोग जानते हों, मगर हॉलीवुड की लीजेंड फिल्म्स, जो फिल्मों के लिए रिस्टोरेशन, थ्री-डी कंवर्जन, रोटोस्कोपी, कलरिंग जैसे विजुअल इफेक्ट्स की मास्टर कंपनी है, इस कंपनी के नाम से परिचित है.
उनके अलावा दुनिया भर की कई कंपनियां, जो हॉलीवुड और दूसरी बड़ी फिल्म इंडस्ट्रीज से विजुअल इफेक्ट्स का काम लेती हैं, उन्हें रेड्स वीएफक्स और पटना की दूसरी वीएफएक्स कंपनियों के नाम मालूम हैं.
हॉलीवुड को मालूम है पटना का लोकेशन
रेड्स वीएफएक्स के डॉयरेक्टर अभिमन्यु प्रताप सिंह कहते हैं, इनमें से ज्यादातर लोगों को बिहार के बारे में कुछ नहीं पता, मगर पटना का नाम मालूम है. पटना उनके लिए एक ऐसी जगह का नाम है, जहां कम पैसे में विजुअल इफेक्ट्स का अच्छा काम हो जाता है. इसलिए कई वीएफएक्स कंपनियां खुद अपना काम ही हमें आउटसोर्स कर देती हैं. 10-12 लोगों की टीम वाली रेड्स वीएफएक्स इस क्षेत्र की एक छोटी-सी कंपनी है. मगर इसी पटना में दो बड़ी वीएफएक्स कंपनी है, जो बड़े काम लेती हैं और उन्हें काम का क्रेडिट भी मिलता रहा है.
अभिमन्यु बताते हैं, इनमें से एक फिलामेंट विजुअल इफेक्ट्स है, तो दूसरी यूनो डिजिटल. फिलामेंट विजुअल इफेक्ट्स तो इन दिनों लगातार काम कर रही है, यूनो डिजिटल ने पिछले कुछ महीनों से विजुअल इफेक्ट्स का काम करना बंद कर दिया है. हालांकि, पटना को विजुअल इफेक्ट्स का गढ़ बनाने में यूनो डिजिटल की बड़ी भूमिका है.
यूनो डिजिटल ने की थी शुरुआत
अभिमन्यु बताते हैं कि 1995 के आसपास इसकी शुरुआत हुई थी. तब यूनो डिजिटल का नाम डाइनेक्स हुआ करता था. एक सज्जन थे, जिनकी हॉलीवुड में अच्छी पहचान थी और लीजेंड फिल्म के संस्थापक बेरी सेंड्र्यू की मदद से उन्होंने पटना में इस काम की शुरुआत की थी. 2004 में यह कंपनी यूनो फिल्म्स में बदल गयी. वे कहते हैं, उस वक्त हॉलीवुड के कई टेक्नीशियन पटना आते थे और यहां के लड़कों को मल्टीमीडिया और एनिमेशन का काम सिखाते थे. यहां एक शिफ्ट में 500 लोग काम करते थे. तब वहां फिल्मों के रिस्टोरेशन, ब्लैक एंड वाइट फिल्मों की कलरिंग, थ्री-डी इफेक्ट्स वगैरह का काम होता था.
कई बड़ी फिल्मों का काम उस स्टूडियो में हुआ. इनमें ट्रांसफाॅर्मर, एलिस इन वंडरलैंड, द स्मर्फ थ्री डी, स्पाइडर मैन, द लिटिल मरमेड, द गोस्पल जैसी फिल्में हैं.
विजुअल इफेक्ट के काम से अभिमन्यु का जुड़ाव भी यूनो डिजिटल की वजह से ही हुआ. वे वहां ट्रेनिंग के लिए जाते थे. पिछले साल किसी आंतरिक वजह से पाटलीपुत्रा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित युनो डिजिटल ने वीएफएक्स का काम करना बंद कर दिया. वहां अब सिर्फ ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित होती हैं. अब पटना में वीएफएक्स का सबसे बड़ा नाम फिलामेंट विजुअल इफेक्ट्स है. यह कंपनी भी किदवईपुरी में ही है. फिलामेंट्स में इन दिनों वीएफएक्स का खूब काम हो रहा है. मगर चूंकि वह बड़ी कंपनी है, तो काम में भी काफी सीक्रेसी बरतती है. इनके कैंपस में कोई जा नहीं सकता. कैमरा लेकर तो बिल्कुल नहीं.
फिलामेंट्स विजुअल को खूब मिलता है काम
फिलामेंट्स कंपनी के संस्थापक अमित धवल हैं, जो इन दिनो कैलीफोर्निया में रहते हैं. वहां फिलामेंट्स का एक और दफ्तर है. पटना और यूएस के अलावा थाइलैंड में भी इस कंपनी का दफ्तर है.
अपने अमेरिकन कांटेक्ट्स से उन्हें वीएफएक्स का अच्छा खासा काम मिलता रहता है और वह काम उनके पटना स्थित स्टूडियो में होता है. जहां एक आम जानकारी के मुताबिक दो सौ से अधिक मल्टीमीडिया आर्टिस्ट काम करते हैं. इस कंपनी का फ्रेमबॉक्स के नाम से एक मल्टीमीडिया और विजुअल इफेक्ट्स सिखाने का इंस्टीट्यूट भी है. यहां लड़के कोर्स करते हैं, फिर इन लड़कों को फिलामेंट में काम मिल जाता है. इस कंपनी ने मिशन इंपोसिबल- घोस्ट प्रोटोकॉल, आइ रोबोट- 3डी, द लीजेंड ऑफ जोरो, द हैपनिंग, टाइटेनिक थ्री-डी, बैटलशिप, पिरान्हा थ्री-डी, इम्मोर्टल, स्पाइ किड 4, पाइरेट्स ऑफ कैरीबियन, वाटर फॉर एलिफेंट्स, लाइफ ऑफ पाई, गोल्डन कंपास, जॉन एडम्स और जीआई जो जैसी फिल्मों के लिए स्पेशल इफेक्ट्स क्रियेट किये हैं.
रोचक बात यह है कि हॉलीवुड फिल्मों का इतना सारा काम करने के बावजूद पटना के वीएफएक्स आर्टिस्ट को बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों का काम कम ही मिलता है. इसकी वजह बताते हुए अभिमन्यु कहते हैं कि एक तो बॉलीवुड के फिल्म मेकर विजुअल इफेक्ट्स पर इतना खर्च नहीं करना चाहते और फिर थोड़ा बहुत जो काम होता है, उसे मुंबई के स्टूडियो में ही करवा लिया जाता है. हालांकि, खुद अभिमन्यु की कंपनी ने ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘ब्रदर्स’ फिल्म का थोड़ा-सा काम किया है. इसके बनिस्पत चाइनीज और कोरियन फिल्मों का काम जरूर उन्हें मिलने लगा है.
जल्द शुरू हो सकता है यूनो डिजिटल जैसा स्टूडियो
अभिमन्यु बताते हैं कि पिछले दिनों यूनो डिजिटल में वीएफएक्स का काम बंद होने से यहां के सैकड़ों कलाकार बेरोजगार हो गये. उनमें से जो नये लड़के थे, वे तो पूरे भारत में फैल गये. मगर कुछ महिलाएं और कुछ शादीशुदा लोग आज पटना में ही हैं. उन्हें काम नहीं मिल रहा.
हां, कुछ लोग ऑनलाइन बिडिंग कर काम लेने की कोशिश करते हैं. इसके अलावा पटना के स्टूडियोज यहां के कलाकारों को ढंग का पेमेंट नहीं देते, क्योंकि यहां की पहचान ही है, कम पैसे में बेहतर काम. इसलिए भी कई लड़के काम सीख कर मुंबई और बेंगलुरु चले जाते हैं. इसके बावजूद नये लड़के तैयार रहते हैं और यहां का काम जोर-शोर से चलता रहता है. अभिमन्यु को उम्मीद है कि बहुत जल्द पटना में यूनो डिजिटल जैसा एक और स्टूडियो खड़ा हो जायेगा. लीजेंड फिल्म्स वाले खुद मदद के लिए उत्सुक हैं और वे भी कोशिश में हैं कि उन्हें यह जिम्मेदारी मिल जाये.
कब से काम हो रहा है- 1995 से
फोटो कैप्सन-
फिलामेंट- पटना के किदवईपुरी में स्थित फिलामेंट विजुअल इफेक्ट्स का दफ्तर
रेड्स- एक छोटे से अपार्टमेंट में वीएफएक्स का काम करते लड़के
यूनो डिजिटल- पाटलीपुत्रा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित यूनो डिजिटल स्टूडियो की वेबसाइट.
कई बड़ी फिल्म कंपनियां यहां करवा रहीं विजुअल इफेक्ट्स का काम
इन फिल्मों को पटना में मिला विजुअल इफेक्ट्स
मिशन इंपोसिबल- घोस्ट प्रोटोकॉल, आइ रोबोट- 3डी, द लीजेंड ऑफ जोरो, द हैपनिंग, टाइटेनिक थ्री-डी, बैटलशिप, पिरान्हा थ्री-डी, इम्मोर्टल, स्पाइ किड 4, पाइरेट्स ऑफ कैरीबियन, वाटर फॉर एलिफेंट्स, ट्रांसफार्मर, एलिस इन वंडरलैंड, द स्मर्फ थ्री डी, स्पाइडर मैन, द लिटिल मरमेड, द गोस्पल, लाइफ ऑफ पाई, गोल्डन कंपास, जॉन एडम्स और जीआई जो.
पटना के बड़े वीएफएक्स स्टूडियो
1. यूनो डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड, 2. फिलामेंट विजुअल इफेक्ट्स

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