पटना: देखो यह आकृति कितनी खूबसूरत है. इसे तो पहले साइड करके रख ले. इस दो पेंटिंग को देखो. अब तो पेंटिंग में मधुबनी कला के अलावा अंगिका व मंजूषा कला भी नजर आ रही है. इसे भी साइड करो. अरे, यह देखो, छोटे-छोटे बच्चे किस तरह इस पेंटिंग में खेल रहे हैं. सच कहूं, बच्चों ने पूरी लगन और प्रयास के साथ बनाया है.
बिहार के प्रसिद्ध कलाकार श्याम शर्मा बच्चों की पेंटिंग देख कर काफी एक्साइटेड थे और सही पेंटिंग चुनने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे थे. किसी ने बिहार के डेवलपमेंट को दिखाया, तो किसी ने सौ साल के बिहार से जोड़ कर दिखाया. किसी ने इतिहास के पहलू को दिखाया, तो किसी ने कला के माध्यम से प्रभात खबर को पेश किया है. जोश, उत्साह और अपनी प्रतिभा को दिखाने में हर कोई एक दूसरे को पीछे छोड़ने में लगा रहा. मुश्किल तो तब आयी, जब इन तमाम पेंटिंग को चुनने का दौर शुरू हुआ. जी हां, न्यू इयर पर प्रभात खबर की ओर से पाठकों की पसंद का मास्टहेड लगाया जायेगा. इस प्रक्रिया में पूरे बिहार से सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया. हर किसी ने बिहार और अखबार को जोड़ कर कई पेटिंग भेजे.
एक से बढ़ कर एक पेंटिंग हमारे सामने थी. पूरे बिहार से लगभग 550 इंट्री हमारे पास आयी. तमाम इंट्री में सेलेक्शन करना काफी कठिन हो रहा था. इस कारण पटना के हर सेक्टर के कुछ लोगों से हमने मदद ली. अपने-अपने क्षेत्र के इन एक्सपर्ट के पैनल के माध्यम से कई चरण में इंट्री को सेलेक्ट कर छांटा गया. अंत में 60 इंट्री से कुछ का सेलेक्शन हुआ. सात पेंटिंग को सात दिनों तक अखबार में लगाया जायेगा.
पूरे बिहार से आयी इंट्री : मास्टहेड बनाने में बिहार के हर जिला और गांवों के युवाओं ने काफी उत्साह दिखाया. जहां पटना से युवाओं ने अपनी इंट्री दी, वहीं दूसरे जिले से भी युवाओं ने मास्टहेड बना कर भेजा है. बच्चों ने अपनी पेंटिंग में महावीर मंदिर, गुरुद्वारा, बैंक, बेटी बचाओ, ट्रैफिक आदि को शामिल किया. इसके अलावा बिहार के 1913 से 2013 तक के डेवलपमेंट को भी कई बच्चों ने पेंटिंग में दिखाया.