पटना: हीमोफीलिया व बांझपन ग्रसित महिला मरीजों के लिए पीएमसीएच में किसी तरह की जांच नहीं हैं. इसके कारण मरीजों को परिसर में ही बने लैब डोयेन या बाहर निजी लैब में जाना पड़ता है.
बांझपन या महिलाओं में सबसे अधिक हार्मोनल बीमारियां होती हैं और इसके लिए लगभग 15 तरह की जांच होती हैं. इनमें कई जांच, तो काफी महंगी हैं. यही नहीं, हीमोफीलिया मरीजों के शरीर से रक्त का बहाव हो रहा हो और पता करना हो कि उनके शरीर का रक्त कितने देर में जम कर रूक सकता है, तो इसके लिए भी मरीजों को बाहर जाना पड़ता है. हार्मोनल जांच के लिए इलेक्ट्रिक मशीन तीन साल पहले लगभग 20 लाख में खरीद कर लायी गयी थी. यह मशीन चलने के तुरंत बाद से बंद पड़ी है, जिसे अब तक ठीक नहीं किया गया है.
बंद होने से खराब हो जायेगी मशीन : जानकारी के मुताबिक केमिकल के अभाव में बंद पड़ी जांच मशीन को जल्द ठीक नहीं किया, तो वह ऐसे भी खराब हो जायेगा. इसके अलावा पैथोलॉजी की जांच मशीनों का भी मेंटेनेंस जरूरी है, लेकिन इसके लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है. इसके कारण एक साल से हार्मोनल जांच बंद है.
हार्मोनल जांच से जुड़ी मशीन साल भर से बंद पड़ी है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी होती है. वहीं हीमोफीलिया मरीजों की भी जांच नहीं हो पा रही है. बाकी टेस्ट हो रहे हैं. मशीन को बनाने के लिए अस्पताल प्रशासन को पत्र भेजा गया है. जल्द ठीक हो जायेगी.
डॉ एलएन सिंह, विभागाध्यक्ष