दुखद : सैलून में कट लगने के बाद से था परेशान
वहम जानलेवा साबित हो सकता है. यह बात कंकड़बाग के 24 वर्षीय युवक रौनक कुमार पर चरितार्थ हो गयी. एचआइवी पॉजीटिव होने के संदेह में इस युवक ने फांसी लगा कर जान दे दी
पटना : एचआइवी पॉजीटिव होने के वहम में नेट छात्र रौनक कुमार (24) ने मौत काे गले लगा लिया. उसका इलाज चल रहा था, लेकिन वह डिप्रेशन से बाहर नहीं निकल पा रहा था. आखिरकार मंगलवार को दिन में उसने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा और खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. अंदर छत की कुंडी में बेडसीट बांध कर गले को कसा और लटक गया. पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है. बेटे की मौत से उसके घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
कंकड़बाग थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर 11 के रहने वाले डॉक्टर दिनेश कुमार चौधरी केंद्रीय कुक्कड़ क्षेत्र पटना में महाप्रबंधक के पद पर तैनात हैं. उनका बेटा रौनक कुमार जमेशदपुर में कंप्युटर सांइस में नेट क्वालिफाइ कर चुका था. वह अब पटना आ गया था अौर अपने परिवार के साथ रहता था. कुछ महीने पूर्व वह नाई की दुकान पर बाल कटवाने गया था. इस दौरान अस्तूरा लग जाने से ब्लड आ गया था. इसी के बाद से उसे शंका हो गयी था कि वह एचआइवी पॉजीटिव हो गया है. इस बात को लेकर वह डिप्रेशन में चला गया.
घरवालों ने उसे समझाया था लेकिन, यह बात उसके मन से नहीं जा रही थी. उसका एम्स में इलाज चल रहा था. इलाज से सुधार होने के बजाय वह मानसिक संतुलन खोने लगा था और मंगलवार को आत्महत्या कर ली. मौके पर पहुंची कंकड़बाग पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
रौनक पांच मार्च को ही सुसाइड करने वाला था. इसका जिक्र उसने अपने सुसाइड नोट में किया है. उसने यह भी लिखा है कि सभी परिजन उसे बहुत याद आयेंगे. उसने यह भी लिखा है कि उसके एक दोस्त का फोन आयेगा, उसे बता देना कि अब रौनक इस दुनिया में नहीं रहा. इससे लग रहा है कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी थी जो बीमारी के बारे में जानती थी.
पटना : कन्हैया (31) घर से कमाने निकला था. कोलकाता गया नौकरी की तलाश में. अभी कुछ हाथ लगता उससे पहले हादसे का शिकार हो गया. टैक्सी से यात्रा कर रहा था, झटका खा कर गिर गया. इससे कमर की हड्डी टूट गयी. तत्कालिक इलाज के बाद वह पटना आया.
यहां भी इलाज हुआ लेकिन न तो दर्द से छुटकारा मिला और न ही बीमारी से. बिस्तर पर करवट नहीं ले पाने से उसे बेडसोर हो गया. बेहद गरीब परिवार के कन्हैया की जिंदगी ठहर सी गयी है. अब वह दोबारा पीएमसीएम में दाखिल हुआ है, लेकिन उसका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. वह जिंदगी से हार गया है. उसने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इच्छामुत्यु की मांग की है.
भोजपुर जिले के जगदीशपुर पूरब मोहल्ला वार्ड नंबर 17 का रहने वाला कन्हैया गौड़ वर्ष 2010 में कोलकाता गया था. वहीं पर वह गंभीर हादसे का शिकार हो गया. बेड रोल की बीमार से उबरने के बाद वह फिर से तीन मार्च को पीएमसीएच आया है. डॉक्टरों का कहना है कि पुरानी चोट होने के कारण ऑपरेशन करना ठीक नहीं है