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इसी सप्ताह आयेगा हाइकोर्ट का फैसला, नगर निगम में शामिल होंगी मैनपुरा और दीघा पंचायतें !
पटना : पटना सदर के पांच पंचायत (दीघा पूर्वी व पश्चिमी और मैनपुरा उत्तरी, पश्चिमी व पूर्वी) नगर निगम का हिस्सा बनेंगे या उनके पंचायत का स्वंत्रत अस्तित्व बरकरार रहेगा? इसको लेकर चला आ रहा सस्पेंस अगले हफ्ते खत्म हो जायेगा. इसके लिए पटना हाइकोर्ट में दायर सिविल याचिका पर इसी सप्ताह अंतिम फैसला आने […]
पटना : पटना सदर के पांच पंचायत (दीघा पूर्वी व पश्चिमी और मैनपुरा उत्तरी, पश्चिमी व पूर्वी) नगर निगम का हिस्सा बनेंगे या उनके पंचायत का स्वंत्रत अस्तित्व बरकरार रहेगा? इसको लेकर चला आ रहा सस्पेंस अगले हफ्ते खत्म हो जायेगा. इसके लिए पटना हाइकोर्ट में दायर सिविल याचिका पर इसी सप्ताह अंतिम फैसला आने की उम्मीद है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा है, जिस पर फैसले के बाद इन पांच पंचायतों का भाग्य तय होगा.
पांच पंचायतों पर फैसला
नगर विकास विभाग की अधिसूचना 5291/2007 के अनुसार दीघा पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के साथ मैनपुरा उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी पंचायत को नगर निगम में सम्मिलित कर लिया गया है. निर्वाचन आयोग ने पांचों पंचायत के मुखिया पद को खत्म करने के लिए 30 नवंबर को आदेश पारित किया था. इसके खिलाफ जनप्रतनिधि दिसंबर महीने में हाइकोर्ट गये थे. 22 दिसंबर को हाइकोर्ट ने आयोग द्वारा 30 नवंबर को जारी फैसले पर रोक लगा दी. अभी याचिका 19373/2015 पर अंतिम फैसला सुरक्षित रखा गया है. इधर, इन पांच पंचायतों के मुखिया और पंचायत समिति के पदों को डिनोटिफाइड करने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पंचायत ने आयाेग काे जानकारी दे दी. आयोग ने जानकारी के बाद प्रशासन के इसी पत्र का हवाला देते हुए जनप्रतिनिधियों को यह जानकारी दी कि उनका पद का अस्तित्व खत्म हो गया है.
छह महीने से ठप है काम
इसी ऊहापोह में पांचों पंचायत में पिछले छह महीने से विकास का काम ठप पड़ गया है. यहां ना तो इंदिरा आवास के तहत लाभुकों का चयन किया जा रहा है ना ही दूसरे किश्त की राशि मिल सकी है. कन्या विवाह योजना के तहत राशि का वितरण नहीं हो सका है. पेंशन की योजनाएं नहीं संचालित हो रही है. जन्म मृत्यु का निबंधन रूका हुआ है इसके साथ ही मनरेगा जैसी योजनाओं पर काम नहीं हो रहा है.
क्या कहते हैं जन प्रतिनिधि?
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि उनका कार्यकाल 22 मई तक है. ऐसे में उन्हें पहले कैसे पदच्युत किया जा सकता है. कोर्ट के फैसले के पहले ऐसा पत्र नहीं लिखा जा सकता है. कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पश्चिमी मैनपुरा के मुखिया नीलेश प्रसाद के साथ उत्तरी मैनपुरा मुखिया सुधीर कुमार, पूर्वी मैनपुरा मुखिया राजेश कुमार ने प्रभात खबर को बताया कि हम निगम में जाने के लिए सहमत हैं, लेकिन हमें जनता ने पांच साल के लिए निर्वाचित किया है. उसके पूर्व हमें नहीं हटाया जा सकता है. कार्यकाल पूरा होने के बाद भी निगम के चुनाव में एक साल तक का वक्त बचा हुआ है. पटना सदर प्रखंड के उप प्रमुख नीरज कुमार, पूर्वी दीघा की मुखिया शशि देवी और पश्चिमी दीघा की मुखिया ममता देवी ने कहा कि छह महीने तक ही पद को खाली रखा जा सकता है. ऐसे में पंचायत का क्या होगा और निवासियों का प्रतिनिधित्व कौन करेगा? सरकार को हमारे सवालों का जवाब देना होगा. न्यायालय से उन्हें न्याय का पूरा भरोसा है.
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