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चुनाव सुरक्षा: आकाश से नक्सलग्रस्त क्षेत्र व संवेदनशील स्थानों पर पुलिस रखेगी नजर

चुनाव सुरक्षा: आकाश से नक्सलग्रस्त क्षेत्र व संवेदनशील स्थानों पर पुलिस रखेगी नजर चुनाव के दौरान किया जायेगा ड्रोन व हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल मसौढ़ी व पालीगंज में ड्रोन से और पूरे पटना में हेलीकॉटर से होगी गश्तीसंवाददाता, पटना बुधवार को पटना जिला में होनेवाले चुनाव को लेकर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था मंगलवार की रात से […]

चुनाव सुरक्षा: आकाश से नक्सलग्रस्त क्षेत्र व संवेदनशील स्थानों पर पुलिस रखेगी नजर चुनाव के दौरान किया जायेगा ड्रोन व हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल मसौढ़ी व पालीगंज में ड्रोन से और पूरे पटना में हेलीकॉटर से होगी गश्तीसंवाददाता, पटना बुधवार को पटना जिला में होनेवाले चुनाव को लेकर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था मंगलवार की रात से ही कर दी गयी है. जमीन से लेकर आकाश तक गश्ती व निगरानी करने का इंतजाम किये गये हैं. बूथ से लेकर सड़क तक पर उनकी नजर रहेगी. बूथ लुटेरों को देखते ही गोली मारने का आदेश भी दे दिया है. जमीन पर जहां सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों व बिहार पुलिस के जवानों को लगाया गया है, वहीं आकाश से ड्रोन (नेत्रा) व हेलीकॉप्टर से निगरानी की जायेगी. सीआरपीएफ के दो ड्रोन को मसौढ़ी व पालीगंज इलाके में इस्तेमाल किया जायेगा, जबकि सेना से मिले हेलीकॉप्टर से पूरे पटना जिले की गश्ती की जायेगी. यह पहली बार है कि जब चुनाव के दौरान पूरे बिहार में इसका उपयोग किया जायेगा. 30 हजार सुरक्षा के जवान तैनात : पूरे पटना जिला में बूथ व सड़क पर सुरक्षा के लिए 30 हजार जवानों की तैनाती की गयी है, जिसमें 20 हजार अर्धसैनिक बल व अन्य राज्यों की पुलिस है और 10 हजार बिहार पुलिस के जवान शामिल हैं. पूरे पटना जिले के बॉर्डर को सील कर दिया गया है और शहर के अंदर व बाहर 300 चेकिंग प्वाइंट बनाये गये हैं. इसके अलावा क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, जो किसी भी तरह की घटना होने पर तुरंत ही वहां के लिए रवाना हो जायेगी. यह टीम अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी. इसके साथ ही बम स्क्वायड की टीम को भी एलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. क्या है ड्रोन (नेत्रा) नेत्रा अनमैंड एरियल व्हीकल ड्रोन के हल्के भार वाली एक छोटी इकाई है, जिसमें जीपीएस, सेंसर व कैमरे लगे हुए हैं. इसे इंटरनेट स्पाइ सिस्टम भी कहा जाता है. यह इंटरनेट के माध्यम से संचालित होता है. इसे डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने निगरानी व टोह के ऑपरेशन के लिए विकसित किया है. नेत्रा को भारतीय सेना व अर्द्धसैनिक बलों को प्रदान किया गया है. इसकी कीमत 37 लाख रुपये है. इसकी खासियत है कि यह आकाश में 500 मीटर की ऊंचाई तक ऊपर उड़ सकता है और करीब तीन किलोमीटर के रेडियस में पड़नेवाले इलाकों पर अपनी नजर रख सकता है. इसके साथ ही यह दो किलोमीटर तक गतिशील हो सकता है. इन इलाकों की सारी तसवीरों को वह कंप्यूटर में भेजता है और वहां बैठा व्यक्ति चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकता है. इसकी तसवीर इतनी साफ होती है कि छोटी-छोटी वस्तु भी इसके जद में आ जाती है. हालांकि शहरी इलाकों में इसे 200 मीटर तक की ऊंचाई तक ही उड़ाया जाता है, क्योंकि 200 मीटर की ऊंचाई से इसके माध्यम से स्पष्ट तसवीर आती है और दूसरा विमान आदि से टकराने का खतरा नहीं रहता है. शहर में तीसरे नेत्र से भी रहेगी नजर शहर के अंदर सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे की नजरों से भी निगरानी की जायेगी. शहर में करीब 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और वे सभी डायल 100 से जुड़े हैं. यहां पुलिस की एक टीम 24 घंटे मौजूद रहती है और वहां से शहर के तमाम इलाकों को आसानी से देखा जा सकता है. इसके बाद जहां पर जरूरत होती है, वहां के लिए पुलिस बलों को कंट्रोल रूम से निर्देश दिया जाता है.

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