मोदी ने कहा कि सरकार बताये कि बुन करों को विद्युत करघा से वस्त्र बनाने पर पहले डेढ़ और फिर तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से दिया जाने वाला बिजली अनुदान पिछले तीन वर्षों से बंद क्यों है. 150 करोड़ की लागत वाली मुख्यमंत्री समेकित हस्तकरघा विकास योजना बदहाल क्यों है. 34 हजार बुनकरों को नये करघे और कच्चे माल की खरीद के लिए दिये जानवाले कॉरपास मनी का क्या हुआ. आठ हजार बुनकरों के लिए कर्मशाला के निर्माण का क्या हुआ. छह बुन कर हाट स्थापित करने की योजना का क्या स्थिति है. बुनकरों के लिए 40 सामान्य सुलभ सेवा केंद्र व यार्न डिपो बनाने की योजना पूरी क्यों नहीं हुई. पिछले वर्ष पांच हजार बुनकरों को छह प्रतिशत ब्याज पर क्रेडिट कार्ड देने की जगह मात्र 917 को ही क्यों दिया गया.
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10 वर्षो में एक भी बड़ा उद्योग नहीं ला सके: मोदी
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 10 वर्षो के कार्यकाल में बिहार में कोई बड़ा उद्योग तो ला नहीं सके, लेकिन कृषि के बाद सबसे ज्यादा स्वरोजगारवाले हस्तकरघा उद्योग को बदहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. जिस तरह से उपेक्षा व […]
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 10 वर्षो के कार्यकाल में बिहार में कोई बड़ा उद्योग तो ला नहीं सके, लेकिन कृषि के बाद सबसे ज्यादा स्वरोजगारवाले हस्तकरघा उद्योग को बदहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. जिस तरह से उपेक्षा व धान की खरीद नहीं होने से आजादी के बाद पहली बार बिहार के किसान आत्महत्या पर उतारू हुए उसी प्रकार अनेक जिलों के लाखों बुन कर आज सरकारी योजनाओं की विफलता से परेशान होकर अपने परंपरागत पेशे से अलग होने के लिए विवश हैं.
मोदी ने कहा कि दरअसल भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद सरकार सभी क्षेत्रों में बुरी तरह से विफल रही है. सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण ही भागलपुर में स्थापित होने वाला मेगा टेक्सटाइल पार्क वापस हो गया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार में हस्तकरघा उद्योग और यहां के बुनकरों के हित को ध्यान में रख कर विगत वर्ष के आम बजट में भागलपुर में मेगा हैंडलूम कलस्टर स्थापित करने की स्वीकृति दी है. मगर राज्य सरकार की उपेक्षा और उदासीनता से बड़ी संख्या में स्वरोजगार पैदा करने वाला प्रदेश का एकमात्र हस्तकरघा उद्योग आज बदहाल है.
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