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बम बरामदगी का मामला : पटना में छिपे बम का जानती थी राज

चुहवा को पनाह देनेवाली महिला लापता, हत्या की आशंका पटना : पीएलएफआइ संगठन के सचिव अवधेश उर्फ चुहवा को खेमनीचक में पनाह देनेवाली महिला की हत्या करने की चर्चा है. संदेह जताया जा रहा है कि उसकी हत्या झारखंड के गुमला स्थित पीएलएफआइ के कैंप में की गयी है. बताया जाता है कि बिहार में […]

चुहवा को पनाह देनेवाली महिला लापता, हत्या की आशंका
पटना : पीएलएफआइ संगठन के सचिव अवधेश उर्फ चुहवा को खेमनीचक में पनाह देनेवाली महिला की हत्या करने की चर्चा है. संदेह जताया जा रहा है कि उसकी हत्या झारखंड के गुमला स्थित पीएलएफआइ के कैंप में की गयी है. बताया जाता है कि बिहार में पीएलएफआइ संगठन का सचिव बनने के बाद चुहवा ने राजधानी में बड़ी तबाही मचाने की साजिश रची थी. इसके लिए करीब 32 केन बम की खेप झारखंड के सिमडेगा से पटना लाया गया.
इतनी बड़ी खेप को छुपाने के लिए उसे पटना में महफूज ठिकाना चाहिए था. इसके लिए उसने पुराने संबंधों को भुनाया और खेमनीचक की एक महिला को ढाल बना कर उसके घर पनाह ली.
सूत्रों की मानें तो बमों की पूरी खेप वह पटना में छुपा चुका है. इसमें से अब तक बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी व खेमनीचक से 12 बमों को पुलिस ने नष्ट किया. बाकी बम कहां छुपाये गये हैं, यह पुलिस को भले ही भनक नहीं हो, पर उक्त महिला को जानकारी थी. इसी के चलते महिला की हत्या कर देने की बात सामने आ रही है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
17 और बम कहां छुपाये गये हैं पटना में
बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए विस्फोट के बाद से ही पुलिस इस्से इनकार कर रही है कि और भी बम पटना में हैं. लेकिन, जब खेमनीचक में 12 केन बम और मिले तो पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. सिमडेगा से कुल 32 केन बम पटना लाये जाने की बात सामने आयी थी. अगर यह आंकड़ा सही है, तो अब तक कुल 15 बम पकड़ में आ चुके हैं. तीन बम बहादुर हाउसिंग कॉलोनी और 12 बम खेमनीचक से पुलिस को मिले. लेकिन, बाकी और बम कहां तथा किस इलाके में हैं, इसे पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.
पीएलएफआइ प्रमुख समेत आठ नामजद पर प्राथमिकी
पटना : रामकृष्णा नगर के शिवनगर स्थित लॉज में बम बरामदगी के मामले में आठ नामजद व एक दर्जन अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में पीएलएफआइ के प्रमुख दिनेश गोप (झारखंड, सिमडेगा), गणोश शंकर (चिकसौरा), अवधेश उर्फ चुहवा (चिकसौरा), सोनू (थरथरी नालंदा) व छोटू उर्फ धर्मपाल (सकसोहरा, नालंदा), आशीष (नालंदा), मुकेश गोप (रांची) व कुंदन (नालंदा) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
गणोश शंकर व अवधेश उर्फ चुहवा सहोदर भाई है. ये दोनों पीएलएफआइ संगठन में नंबर दो के नेता हैं और संगठन के प्रमुख दिनेश गोप के इशारे पर पटना में संगठन को स्थापित करने व रंगदारी की रकम वसूलने की नीयत से बमों का विस्फोट कर दहशत फैलाना चाहते थे. फिलहाल नामजद अभियुक्तों में चुहवा व कुंदन जेल में बंद हैं. इन दोनों को पुलिस ने 30 मार्च को बहादुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए बम विस्फोट व बमों की बरामदगी के बाद पकड़ लिया था. यह प्राथमिकी रामकृष्णा नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह के बयान पर दर्ज की गयी है.
मामले का अनुसंधान सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद करेंगे. इन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा व विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसएसपी विकास वैभव ने बताया कि आठ नामजद व एक दर्जन अज्ञात के खिलाफ रामकृष्णा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
पुलिस का भय दिखा ले गया साथ
बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में जब केन बम बरामद हुए, तो कुंदन का नाम सामने आया था. बाद में पुलिस ने कुंदन, विक्की सहित चार को बारी-बारी से गिरफ्तार किया. पूछताछ में खेमनीचक का नाम आया था. पीएलएफआइ संगठन से जुड़े अपराधी वहां शरण लेते हैं, यह पुलिस को पता चला, लेकिन काफी छानबीन के बाद भी वह तलाश नहीं कर पायी कि बम कहां छुपाये गये हैं. पुलिस को जब तक यह पता चलता कि खेमनीचक की किसी महिला के घर चुहवा का आना-जाना है, इससे पहले संगठन के लोग महिला को खेमनीचक से पुलिस का भय दिखा कर साथ ले गये.
मुंह नहीं खोलना चाह रहे हैं अफसर
सूत्रों के अनुसार महिला पटना में छुपाये गये बमों का राज जानती थी, इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया गया. हत्या का संदेह इसलिए भी है कि वह महिला काफी दिनों से लापता चल रही है.
उस महिला के बेटे ने पुलिस से संपर्क किया है. पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है, लेकिन छानबीन की जा रही है. पुलिस के अधिकारी मान रहे हैं कि महिला की हत्या हो चुकी है. हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी मुंह नहीं खोल रहे हैं. मालूम हो कि बिहार में खूनी तबाही मचाने के लिए पीएलएफआइ ने करीब 150 नये लड़कों को ट्रेनिंग दी है. इसमें चुहवा और छोटू जैसे शातिर शामिल हैं. ट्रेनिंग के बाद ही इन्हें बम का जखीरा मुहैया कराया गया था, जिससे सिमडेगा से पटना लाया गया.
आइएमए के बम मॉड्यूल से किया जायेगा मिलान
पटना. पटना के खेमनीचक (शिवनगर) में लॉज से बरामद हुए बम को नष्ट करने के बाद एनएसजी टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गयी. टीम अपने साथ केन बम की स्कैन कॉपी और कोडल वायर के जरिये जांच सैंपल भी ले गयी है. इससे बम के एक्सक्लूसिव का पता किया जा सकेगा. उसकी मारक क्षमता का आकलन किया जा सकेगा. ये बम पीएलएफआइ के होने के संकेत मिले हैं. यदि आतंकी संगठन के साक्ष्य मिलेगा, तो जांच का दायरा बड़ा हो सकता है.
इंडियन मुजाहिद्दीन से लिंक की होगी तलाश : बिहार के बोधगया, पटना के गांधी मैदान में हुए विस्फोट के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन के हाथ होने की बात सामने आयी थी. सुरक्षा एजेंसियां बिहार पुलिस को आइएमए की सक्रियता के बारे में अलर्ट भी कर चुकी है. इसके बाद पुलिस की खोजबीन अभी जारी है. वहीं दूसरी तरफ देखें तो बहादुर पुर हाउसिंग कॉलोनी और खेमनीचक में बम बरामद होने के बाद पीएलएफआइ का नाम सामने आया है, लेकिन जिस तरह से बम की क्षमता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इससे इसके भी संकेत मिल रहे हैं कि पीएलएफआइ को पीछे से आइएमए द्वारा सपोर्ट किया जा रहा है.
आइएमए भी लोटस घड़ी का करता है इस्तेमाल
दिल्ली एनएसजी इस बात की पड़ताल करेगी कि बहादुरपुर और खेमनीचक में बरामद किये गये केन बम आइएमए के मॉड्यूल पर तो तैयार नहीं किया गया है. टाइमर के लिए जिस लोटस घड़ी का इस्तेमाल किया गया है, उसे आइएम भी इस्तेमाल करता है. इसकी जांच के लिए एक्स-रे मशीन से बम का स्कैन किया गया है. वहीं एनएसजी ने विस्फोट कराने से पहले पानी की बोतल में कोडल वायर के जरिये जांच नमूने लिये हैं.
पटना पुलिस ने झारखंड पुलिस से किया संपर्क
विस्फोटक के नष्ट किये जाने के बाद पुलिस बिहार से लेकर झारखंड तक जांच-पड़ताल कर रही है. संगठन से जुड़े लोगों की तलाश हो रही है. वहीं अवधेश उर्फ चुहवा की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. चुहवा को पटना पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. वहीं अब छोटू पुलिस की प्राथमिकता पर है. पटना में भी पुलिस कुछ खास लोगों को तलाश रही है

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