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ट्रिब्यूनल में मामला, पर हो रहा निर्माण

आयकर गोलंबर के समीप व बोरिंग केनाल रोड स्थित राय जी की गली में हो रहा निर्माण पटना : राजधानी के बिल्डरों पर पटना नगर निगम का कोई जोर नहीं रहा. यही वजह है कि नगर आयुक्त कोर्ट द्वारा अवैध घोषित व ट्रिब्यूनल में लंबित अवैध भवनों के निर्माण की कार्रवाई बदस्तूर जारी है. डाकबंगला […]

आयकर गोलंबर के समीप व बोरिंग केनाल रोड स्थित राय जी की गली में हो रहा निर्माण
पटना : राजधानी के बिल्डरों पर पटना नगर निगम का कोई जोर नहीं रहा. यही वजह है कि नगर आयुक्त कोर्ट द्वारा अवैध घोषित व ट्रिब्यूनल में लंबित अवैध भवनों के निर्माण की कार्रवाई बदस्तूर जारी है. डाकबंगला चौराहा पर मेरिडियन कंस्ट्रक्शन व गणपति डेवलपर्स के बाद अब कंस्ट्रक्शन कंपनी तिरूपति होम्स भी मनमानी पर उतर आया है.
कंपनी के दो प्रोजेक्ट आयकर गोलंबर के समीप और बोरिंग केनाल रोड की राय जी की गली में चल रहा है. इन दोनों प्रोजेक्ट में अनियमितता पाये जाने पर नगर आयुक्त कोर्ट ने उनके अवैध हिस्से को निर्धारित समय में ध्वस्त करने का आदेश दे रखा है.
मगर बिल्डर ने इसके विरुद्ध में म्यूनिसिपल बिल्डिंग ट्रिब्यूनल में अपील दायर कर अवैध हिस्से को तोड़ने की बजाय निर्माण कार्य तेज कर दिया है. एक मामले में तो ट्रिब्यूनल कोर्ट ने भी अपील खारिज कर अवैध हिस्से को तोड़ने का आदेश बरकरार रखा है. निगम प्रशासन ने बिल्डर को आदतन कानून तोड़ने का दोषी माना है. बावजूद वह अपने ही आदेश को टूटने से बचाने की बजाय आंखें मूंद कर बैठा है.
एक बार फिर थाने में लिखित शिकायत
बोरिंग केनाल रोड के राय जी की गली में चल रहे प्रोजेक्ट में तिरूपति होम्स ने बिल्डिंग बायलॉज का खुलेआम उल्लंघन करते हुए छह-छह तल्ले के चार अपार्टमेंट बना लिये हैं, जबकि सड़क की चौड़ाई पंद्रह फिट से भी कम है. इतनी चौड़ाई में 11 मीटर से ऊंचा भवन नहीं बन सकता, जबकि बिल्डर ने 22 मीटर अधिक ऊंचे चार बहुमंजिला भवन बनाये हैं. इसको लेकर नगर निगम में 234ए/2013 निगरानीवाद चलाया गया.
सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त कोर्ट ने अगस्त, 2014 में ही 11 मीटर से अधिक ऊंचाई पर निर्मित तमाम फ्लैट व विचलित सेटबैक को 30 दिन के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था. इसके विरुद्ध में बिल्डर ने म्यूनिसिपल बिल्डिंग ट्रिब्यूनल की शरण ली, जहां मामला लंबित है. अवैध हिस्से को तोड़ने की बजाय धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है.
स्थानीय निवासी नरेंद्र कुमार ने अंचलाधिकारी से लेकर बुद्धा कॉलोनी थाना तक लिखित शिकायत की है. उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध निर्माण करते हुए बिल्डर द्वारा उनके पूर्वी चाहरदीवारी के लगभग चार फिट अंदर तक अतिक्रमण कर लिया गया है. उन्होंने जमीन को अतिक्रमणमुक्त किये जाने की मांग भी की है.
अपार्टमेंट की जगह बना दिया होटल
ठीक इसी तरह, आयकर गोलंबर के समीप बिल्डर ने हाइकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए सहकारी गृह निर्माण समिति की भूमि पर बहुमंजिली इमारत बना ली. अब इसे पांच सितारा होटल ( नेश इन) की शक्ल दी जा रही है. इसको लेकर भी निगरानीवाद 139ए/2013 दायर किया गया था. जिसकी सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त कोर्ट ने जुलाई 2014 में निर्माण कार्य तत्काल रोकते हुए ऊपरी दो तल्ले व सेट बैक विचलन को 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था.
आदेश के खिलाफ बिल्डर ट्रिब्यूनल कोर्ट में भी गये, जहां पर उनकी अपील खारिज कर दी गयी और अवैध हिस्से को तोड़ने का आदेश बहाल रखा गया. अवैध हिस्से तोड़ने व ट्रिब्यूनल से सुनवाई के बीच के हिस्से में चोरी-छिपे भवन निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. फिलहाल मामले में बिल्डर ने कोर्ट की शरण ली है. बिल्डर के मुताबिक कोर्ट ने इस मामले में स्टे दे रखा है.
राय जी की गली के जिस प्लांट की बात हो रही है, उसको लेकर दो साल पहले भी इन्हीं लोगों ने नगर निगम को मैसेज किया था. इसके आधार पर उसकी नापी करायी गयी. जिन व्यक्ति ने शिकायत की है, उनका प्लॉट नंबर 1140 है जबकि हमारा 1139.
जिस चार फिट जमीन का वह दावा कर रहे हैं, वह उनका नहीं है. हम तो कागजी आधार पर ही देखेंगे न और उसी के आधार पर पाइलिंग भी कर रहे हैं. जहां तक आयकर गोलंबर के नेश इन होटल का मामला है, वह पूरी तरह स्वीकृत है. इस मामले में नगर आयुक्त कोर्ट ने पक्षपात करके फैसला सुनाया है.
शशिभूषण सिन्हा, एमडी, मेसर्स तिरूपति होम्स प्राइवेट लिमिटेड

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