पटना: सरकार ने दावा किया है कि राज्य में अपराध की घटनाओं में कमी आयी है. बगहा पुलिस गोलीकांड में लिये गये खून के नमूनों की जांच में पाया गया है कि उसमें इनसान का खून नहीं है. प्रभारी गृह मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इसका खुलासा किया. विधानमंडल के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्य की विधि व्यवस्था पर दो घंटे के विशेष वाद-विवाद में सरकार की ओर से जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि घटनास्थल से टॉर्च, पत्ते व मिट्टी के नमूने की जांच फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में हुई, जिस व्यक्ति की हत्या की अफवाह फैलायी गयी थी, उसके नमूनों की जांच करायी गयी है. दूसरा खून गिरा कर अफवाह उड़ा दी गयी कि उस व्यक्ति की हत्या कर दी गयी है.
सरकार मधुबनी कांड को फिर से दोहराने नहीं देना चाहती. कैसे पूरे प्रदेश में आग लगाने की कोशिश की गयी. मंत्री के जवाब के दौरान पहले राजद और बाद में भाजपा ने वाकआउट किया. भाजपा की उषा विद्यार्थी द्वारा महाबोधि मंदिर में विस्फोट, जमुई स्टेशन पर नक्सली हमला, बगहा में थारू समुदाय पर हुए फायरिंग व राज्य में विधि व्यवस्था में गिरावट से उत्पन्न स्थिति पर पेश प्रस्ताव के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी घटना घटती है, तो उसके अगले 24 घंटे का समय महत्वपूर्ण होता है. घटना के बाद बंद व जाम लगाने से जांच प्रभावित होती है. मशरक मिड डे मील कांड में यही हुआ. सरकार की नीयत साफ है. 24 घंटे तक सरकार के उत्तर का इंतजार तो करना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता से अलग होने के बाद अप्रैल में डकैती 50, जून में 53 व जुलाई में 43 घटनाएं हुई हैं. मई में हत्या की 341 घटनाएं हुई थीं. वहीं, जून में घट कर 313 व जुलाई में महज 292 घटनाएं हुई हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार का क्यों नहीं मांगा इस्तीफा : मंत्री ने कहा कि महाबोधि मंदिर में विस्फोट की घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आला अधिकारियों के साथ वहां गये. उन्होंने तुरंत एनआइए को जांच की जिम्मेवारी सौंप दी. मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था सीआइएसएफ को सौंपने की कार्रवाई की गयी. उसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. मंदिर की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था प्रबंधन समिति के जिम्मे ही है. अब जिला पुलिस के दंडाधिकारी के साथ एक डीएसपी की तैनाती की गयी है. 13 जून को जमुई में नक्सली घटना घटी है.
पर, क्या वह देश की सबसे बड़ी नक्सली घटना है. भाजपा के लोग सरकार से इस्तीफा की मांग कर रहे हैं, तो क्या उन्होंने छत्तीसगढ़ में हुए बड़ी नक्सली हमले को लेकर वहां की सरकार के इस्तीफे की मांग की? इधर विपक्ष के नेता विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि सदन की कार्यवाही में गृह विभाग के मंत्री नहीं है. उनका इशारा मुख्यमंत्री की ओर था. बगहा की जनता ने विधानसभा चुनाव में झोली भर कर वोट दियास, लेकिन जब बगहा में गोलीकांड हुआ, तो कोई आदमी आंसू पोछने नहीं गया. नितिन नवीन, प्रेम कुमार, श्यामदेव पासवान व रामायण मांझी पर केस किया गया. सरकार की कोशिश है कि कैसे विरोधियों को कटघरे में खड़ा करे. राज्य में चापाकल की दु:खद घटनाएं शुरू हुई हैं. ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं. बच्चों का क्या दोष है? राजद नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि जिस तरह से राज्य में विधि-व्यवस्था बिगड़ी है, उससे यह नहीं लगता कि इस सरकार के रहने से जनता का भला होनेवाला है.अगर घटना में कोई व्यक्ति राजद या खास बिरादरी का मिल जाता, तो कहते कि राजद इसमें इनवॉल्व है. पर, जब एसआइटी ने गुंजन पटेल को पकड़ा और वह युवा जदयू का पदाधिकारी है, तो इसका जवाब भी मिलनाचाहिए.