संवाददाता, मीरगंजहाल ही में जानलेवा हमले से बचे हिस्ट्री शीटर रामाशंकर चौधरी भले ही अज्ञात वास में रह कर अपना इलाज करा रहे हों, पर घटना के बाद से ही कोयलादेवा बाजार तथा कोयलादेवा गांव समेत मदरवानी के लोग भय के माहौल में जी रहे हैं. कारण कि जब भी ऐसी घटना हुई है, जवाबी कार्रवाई में किसी-न-किसी की जान गयी है. वैसे, इस घटना को हुस्सेपुर में हुई घटना से जोड़ कर देखा जा रहा है. इसे 20 सितंबर, 2014 को हरिनंदन यादव की हत्या से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें रामाशंकर यादव तथा उनके दो पुत्र संतोष यादव और संतेश्वर यादव समेत अनिल, विनय आदि को आरोपित बनाया गया था. हालांकि, इसके बाद मृतक के पिता कमल चौधरी तथा योगेंद्र चौधरी पर केस वापस करने को लेकर दबाव बढ़ा दिया गया. इस संबंध में पीडि़त पक्ष ने पुलिस निरीक्षक से लेकर पुलिस उपमहानिरीक्षक तक दौड़ लगाते रहे. यहां तक कि उन्होंने अपनी रक्षा के लिए भी गुहार लगायी, पर कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में पुलिस प्रशासन के रवैये से स्थानीय ग्रामीणों को आशंका है कि एक नये गैंगवार का शुरुआत क्षेत्र में न हो जाये. हालांकि फुलवरिया के थानाध्यक्ष अजय कुमार का कहना था कि पुलिस सक्रिय है और छापेमारी का दौर जारी है. पूर्व के इतिहास को देखते हुए लोगों को पुलिस पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है.
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भय के माहौल में जी रहे हैं कोयलादेवा क्षेत्र के लोग
संवाददाता, मीरगंजहाल ही में जानलेवा हमले से बचे हिस्ट्री शीटर रामाशंकर चौधरी भले ही अज्ञात वास में रह कर अपना इलाज करा रहे हों, पर घटना के बाद से ही कोयलादेवा बाजार तथा कोयलादेवा गांव समेत मदरवानी के लोग भय के माहौल में जी रहे हैं. कारण कि जब भी ऐसी घटना हुई है, जवाबी […]
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