पटना: नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन की अधिसूचना शुक्रवार शाम को जारी हुई लेकिन आयुक्त ने दिन में ही भू-माफियाओं के कारण असुरक्षित महसूस करते हुए डीएम अभय कुमार सिंह से सुरक्षा देने की गुहार लगायी थी.
पत्रंक 7249/12 दिसंबर में नगर आयुक्त ने डीएम को संबोधित पत्र में कहा था कि वे नरेंद्र मिश्र बनाम बिहार सरकार और अन्य में हाइकोर्ट द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन में निर्माणाधीन अवैध भवन के विरुद्ध लगातार काफी संख्या में निगरानी वाद में आदेश पारित कर रहे हैं. इसके कारण वह और उनका परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा है. इस बात की संभावना है कि नगर आयुक्त के न्यायालय से पारित आदेश से क्षुब्ध पक्ष मुङो और मेरे परिवार को शारीरिक क्षति पहुंचा सकते हैं. इसके कारण उनके आवास पर 01-06 सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति शीघ्र कराने की कृपा करें. इस पत्र की कॉपी एसएसपी को भी भेजी गयी थी.
कुलदीप नारायण ने कोर्ट में भी दिया था हलफनामा
इससे पहले भी आयुक्त कुलदीप नारायण ने हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्हें शहर का एक ताकतवर बिल्डर टारगेट कर रहा है. नगर आयुक्त के वकील प्रसुन्न सिन्हा ने पांच पन्नों का हलफनामा कोर्ट को सौंपा था. हलफनामे में कुलदीप नारायण ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने निगरानी की जद में आये अपार्टमेंट पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. लेकिन, मुङो फैसले लेने से अप्रत्यक्ष रूप से रोकने की कोशिश की जा रही है. नगर आयुक्त ने कहा कि बड़े ताकतवर और पैसे से संपन्न बिल्डर ने उन्हें टारगेट किया है. कोर्ट के निर्देश पर जैसा हम कार्रवाई करना चाह रहे हैं, उससे रोकने के लिए मुझ पर दबाव डाला जा रहा है.
कोर्ट ने कहा था- काम करिए, हम प्रोटेक्ट करेंगे
हाइकोर्ट ने नगर आयुक्त के हलफनामे को पढ़ने के बाद कहा कि आप ईमानदारीपूर्वक अपना काम करिए. कोर्ट आपको प्रोटेक्ट करेगी. न्यायाधीश ने कहा कि नगर आयुक्त को अपनी ड्यूटी करने में जो भी परेशानी आ रही है, इसकी जानकारी देते रहें. कोर्ट ने नगर आयुक्त का तबादला करने से भी सरकार को मना किया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि नगर आयुक्त गलत नक्शे के आधार पर बने राजधानी के सभी अपार्टमेंट को तोड़ने की दिशा में कार्रवाई करें. नगर आयुक्त के कोर्ट में नियमित रूप से अवैध इमारतों के खिलाफ सुनवाई चल रही है.