पटना: राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर शुक्रवार को हुई मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव के बीच बैठक बेनतीजा खत्म हो गयी. राजकीय अतिथिशाला में देर शाम सात बजे हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि सूचना आयोग में लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है और दूसरी ओर सरकार सूचना आयुक्तों की संख्या भी घटा कर दो कर दी है.
उन्होंने मुख्यमंत्री और बैठक में आये वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव से आयोग के गठन के समय से अब तक आये मामले और इसके निष्पादन की संख्या वर्ष वार बताने को कहा. विपक्ष के नेता ने सरकार से सूचना आयुक्त के पदों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया. इधर,सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्य सूचना आयुक्त के पद को लेकर मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच शुक्रवार की बैठक स्थगित कर दी गयी.
बैठक के बाद विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि बैठक में किसी व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव नहीं आया था. हमने नीतिगत मामला उठाया है. इस पर सरकार के जवाब के बाद अगली बैठक होगी.
प्रावधानों के मुताबिक मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के पहले मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच आपसी सहमति आवश्यक है. फिलहाल राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है. आयोग में वर्तमान में दो सूचना आयुक्त बीके वर्मा और अरुण कुमार वर्मा पदस्थापित हैं. इधर, आयोग में अभी भी 35 हजार मामले सुनवाई की प्रक्रिया में हैं. आयोग अपने गठन के काल से अब तक करीब एक लाख मामलों का निष्पादन कर चुका है. आयोग में वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त के पद खाली हैं. इनके अलावा आयोग में संयुक्त सचिव के पद खाली हैं. आयोग में अपर जिला सत्र न्यायाधीश स्तर के विधि अधिकारी का पद स्वीकृत है. यह पद भी खाली है. आयोग के उप सचिव का दो दिन पहले तबादला कर दिया गया है. जबकि, सचिव के पद पर कार्यरत अधिकारी मार्च में रिटायर हो जायेंगे.