पटना: 10 दिनों के राजनीतिक उठापटक के बाद गुरुवार को सरकार पटरी पर लौट आयी. जदयू की इस नयी सरकार के अधिकतर मंत्री दफ्तर आये और कामकाज को निबटाया. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबित फाइलें निबटायीं और अधिकारियों के संग बैठकें भी कीं.मुख्यमंत्री आवास पर दिन भर फाइलों के निष्पादन का सिलसिला चलता रहा. विश्वासमत हासिल करने के बाद गुरुवार को कई लोग सीएम से मिलने आये और सेकुलर सरकार के लिए मुबारकबाद भी दिया. सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी अपने निर्धारित समय पर दफ्तर पहुंच गये.
दिन भर क ामकाज किया. संसदीय कार्य मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव भी अपने कार्यालय पहुंचे और आवश्यक कार्यो को निबटाया. खाद्य उपभोक्ता विभाग के मंत्री श्याम रजक, शिक्षा विभाग के मंत्री पीके शाही, भवन निर्माण विभाग के मंत्री दामोदर रावत, समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह, ग्रामीण कार्य मंत्री नीतीश मिश्र गुरुवार को कार्यालय आये और लंबित कार्यो को निबटाया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह और सूचना जनसंपर्क विभाग के मंत्री वृशिण पटेल राजधानी से बाहर थे, जबकि विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव अस्वस्थ होने के कारण कार्यालय नहीं आ सके.
कैबिनेट विस्तार की सरगरमी तेज
राज्य कैबिनेट के विस्तार को लेकर सरगरमी तेज हो गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरु वार की देर शाम राज्यपाल डीवाइ पाटील से राजभवन में जाकर मुलाकात की. मुख्यमंत्री करीब ढ़ाई घंटे तक राजभवन में रहे. रात का भोजन मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के साथ ही राजभवन में किया. इस बीच राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच लंबी बातचीत हुई. मुख्यमंत्री करीब आठ बजे राजभवन गये थे. उनके साथ कोई अन्य मंत्री नहीं थे.
एनडीए के टूटने व विश्वास मत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री की राज्यपाल से इस पहली मुलाकात को लेकर मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें भी लगती रही. हालांकि दोनों ही ओर से इस मुलाकात के मकसद की कोई जानकारी नहीं दी गयी. इसे शिष्टाचार मुलाकात ही बताया गया. विदित हो कि भाजपा कोटे के 11 मंत्रियों का अतिरिक्त प्रभार अभी मुख्यमंत्री के पास है. राजभवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल डीवाइ पाटील तीन सप्ताह के लिए राज्य से बाहर होंगे. 27 जून से 13 जुलाई तक उनके बाहर होने की सूचना है. विधानमंडल का मॉनसून सत्र शुरू होने के पहले या फिर राज्यपाल के लौटने के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विश्वास मत के बाद कैबिनेट विस्तार की संभावना बन रही थी. भाजपा कोटे के मंत्रियों के खाली 11 पदों को भरे जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हैं. विधानसभा के सदस्यों की संख्या के आधार पर अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. संभावित उम्मीदवारों में मंजीत कुमार सिंह, छेदी पासवान, अनिल कुमार, सत्यदेव सिंह, ललन भुइयां और नीता चौधरी के भी नाम हैं.