पटना: दवा घोटाले की प्रथम जांच करनेवाली डॉ केके सिंह कमेटी के सदस्यों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा विभाग ने की है. इसके पूर्व इन सदस्यों से विभाग की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इसके बाद अचानक से कार्रवाई की बात से विभाग की सरगरमी तेज हो गयी है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक डॉ सिंह को जांच रिपोर्ट सात दिनों में विभाग को सौंपना था और उस रिपोर्ट को बनाने में सात माह का समय लगा. इस कारण से डॉ सिंह पर आरोप लगाया गया है कि उनकी देरी ने राजस्व का घाटा हुआ और इस कारण से जांच के निर्णय पर पहुंचने में देर लग रही है. कार्रवाई के बारे में जब डॉ सिंह से बात की गयी, तो उनका कहना था कि हमारी रिपोर्ट के कारण राजस्व का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन जिन लोगों ने गलत ढंग से लगत दवाओं की खरीद कर अस्पतालों में भेजा है, उनके कारण जरूर राजस्व का घाटा हुआ है.
इन लोगों से मांगा गया स्पष्टीकरण, अब होगी विभागीय कार्रवाई . डॉ केके सिंह (अवर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं ), डॉ मधुरेंद्र किशोर (संयुक्त निदेशक , स्वास्थ्य सेवाएं) , डॉ आविद हुसैन (संयुक्त निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं) , डॉ सुभाष चंद्र राय (अनुज्ञापन प्राधिकारी), रमेश कुमार (सहायक औषधि नियंत्रक)
हमें अभी तक विभागीय कार्रवाई शुरू होने की खबर नहीं मिली है, लेकिन अगर ऐसा होगा, तो यह मेरे ईमानदारी से काम करने का इनाम होगा. इससे अधिक मुङो कुछ नहीं कहना है.
डॉ केके सिंह.