पटना सिटी: ऊमसवाली गरमी में पेयजल संकट ङोल रहे लोगों की प्यास चापाकल भी नहीं बुझा पा रहा है. कहने को तो अनुमंडल के 20 वार्डो में करीब 240 चापाकल लगे हैं. इनमें 129 चापाकल खराब पड़े हैं, जो चालू हैं वह भी काफी लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. स्थिति यह है कि खराब पड़े चापाकलों को नागरिक अपने खर्चे से मरम्मत करा कर काम में आने लायक बना रहे हैं ताकि उनकी प्यास इस भयंकर गरमी में बुझ सके.
हांफ रहे पंप
पुराने व जजर्र हो चुके 30 जलापूर्ति पंप अब लोगों की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं हैं. नतीजतन हर वार्ड के अधिकतर मुहल्लों में पेयजल संकट कायम है.
स्थिति यह है कि अनुमंडल में आधा दर्जन से भी अधिक जलापूर्ति पंप ऐसे हैं , जो पानी उलीचने में विफल हैं. खासतौर पर खाजेकलां जलापूर्ति पंप, कैमाशिकोह जलापूर्ति पंप, पीरदमरिया जलापूर्ति पंप, मथनी तल, मालसलामी, मोगलपुरा व मंगल तालाब के जलापूर्ति पंप . इन पंपों से जुड़े करीब पांच दर्जन से अधिक मुहल्ले में हर दिन लोगों को पेयजल के लिए जूझना पड़ता है.
एक लाख लोग ङोल रहे संकट
अनुमंडल में करीब एक लाख की आबादी को पेयजल के लिए हर दिन परेशानी उठानी पड़ रही है. चापाकल की खराबी व बोरिंग पंप की जजर्र स्थिति के कारण खाजेकलां जलापूर्ति पंप से सटे कमंगर गली, मक्खनवाली गली, खाजेकलां, सिंधी दालान, नीम घाट, मीतन घाट, टेढ़ी घाट, मच्छरहट्टा, दीवान मुल्ला , खंगर गली, लेमिजर लेन, हमाम, दुली घाट, सीढ़ी घाट, दुर्गा चरण लेन, नंदगोला, पूर्वी नंद गोला आदि ऐसे दर्जनों मुहल्ले हैं, जहां पेयजल संकट कायम है. इस कारण लोगों की सुबह पानी की व्यवस्था करने से ही शुरू हो रही है. आये दिन लोगों को यहां पानी के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है.