पटना: लकड़ियों का प्रोसेसिंग प्लांट खोलने के लिए सरकार आर्थिक मदद देगी. यह घोषणा गुरुवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजधानी के एसके मेमोरियल हॉल में वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित हरियाली समागम-2014 को संबोधित करते हुए की. उन्होंने कहा कि वन सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो प्रदूषण और प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी.
वनों की सुरक्षा के लिए गांवों व पंचायतों तक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. इसके तहत गांव-पंचायतों में नाटक और नृत्य-गीत समारोहों का मंचन भी हो. उन्होंने कहा कि आज बिहार में फूल कोलकाता से आ रहे हैं. बांस और शीशम की उचित कीमतें किसानों को नहीं मिल रहीं. शीशम के वृक्ष सबसे लाभदायक साबित होंगे. एक कट्ठा में 10 वर्षो में शीशम के वृक्षों से पांच लाख की विशुद्ध आय होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को एकादशी, रोजा और जिउतिया की तरह वन पर्यावरण की रक्षा का पर्व मनाना होगा. हरित क्षेत्र बढ़ेगा, तो पर्यावरण संकट नहीं होगा. पेड़ तस्करों के खिलाफ सघन अभियान चलाना होगा.
वन क्षेत्र 20 फीसदी करने का लक्ष्य : वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही ने कहा कि झारखंड बनने के बाद बिहार में सात प्रतिशत ही वन क्षेत्र रह गये. बिहार सरकार ने कृषि रोड मैप के तहत सूबे के वन क्षेत्र में 20 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य तय किया है.
कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोले सरकार : राष्ट्रीय वन संरक्षण संस्थान के निदेशक पीपी भोज वैद्य ने कहा कि आज जंगल, पहाड़ और वृक्षों का महत्व देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बढ़ा है. उन्होंने वानिकी को लेकर पटना में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोलने का सुझाव सरकार को दिया. प्रधान सचिव विवेक सिंह ने कहा कि वानिकी के क्षेत्र में विभाग शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करेगा. समारोह को मुख्य वन संरक्षक वशीर अहमद खां, डॉ सुभाष सिंह, डीके शुक्ला, डॉ डीके चौधरी व एसएस चौधरी ने भी संबोधित किया.
जिनपिंग की भारत यात्र से बिहार उत्साहित नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्र से हमलोग उत्साहित नहीं हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर गुजरात के विकास के लिए गुजरात आये, जहां चीन निवेश करेगा.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को थोड़ी बहुत चिंता अपने निर्वाचन क्षेत्र बनारस की है. बनारस में भी निवेश हो सकता है. उन्हें देश की चिंता नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पहले दिल्ली आना चाहिए. उनसे देश के विकास के परिपेक्ष्य में बात करनी चाहिए. सिर्फ गुजरात एवं बनारस के विकास के लिए नहीं. पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए 65 हजार पैकेट राहत सामग्री हमलोगों ने दिये. 18 हजार पैकेट का उठाव हो चुका है. जम्मू-कश्मीर सरकार को बार-बार हमलोग याद दिला रहे हैं. आवश्यकतानुसार वे लोग राहत पैकेट ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पैकेट सड़ने-गलने वाला नहीं है. कश्मीर एयरपोर्ट से ही सरकार जम्मू कश्मीर का प्रशासन चला रही है. उन्होंने कहा कि हमारे अधिकतर लोग जम्मू कश्मीर से लौट आये हैं.