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विकास की रफ्तार में बिहार एक बार फिर देश से आगे, इधर कर्ज देने का गिर रहा बैंकों का ग्राफ
पटना : बिहार की विकास दर इस बार फिर राष्ट्रीय विकास दर से अधिक आंकी गयी है. वर्तमान मूल्य पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पांच लाख 57 हजार 490 करोड़ रहा. इस आधार पर राज्य की वार्षिक वृद्धि दर 15% आंकी गयी है, जबकि राष्ट्रीय विकास दर 11.20% दर्ज की […]
पटना : बिहार की विकास दर इस बार फिर राष्ट्रीय विकास दर से अधिक आंकी गयी है. वर्तमान मूल्य पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पांच लाख 57 हजार 490 करोड़ रहा. इस आधार पर राज्य की वार्षिक वृद्धि दर 15% आंकी गयी है, जबकि राष्ट्रीय विकास दर 11.20% दर्ज की गयी है. यह जानकारी योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने शुक्रवार को सूचना भवन के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.
उन्होंने राज्य में योजना एवं विकास से जुड़े आंकड़े जारी करते हुए कहा कि वर्तमान मूल्य पर ही 2018-19 में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद (प्रति व्यक्ति आय) 47 हजार 541 करोड़ दर्ज किया गया, जो 2017-18 की तुलना में 13.20% अधिक है, जबकि इसमें राष्ट्रीय वृद्धि दर 10% ही रही है. वहीं, 2011-12 के स्थिर मूल्य को आधार मानते हुए 2018-19 का जीएसडीपी तीन लाख 94 हजार 350 करोड़ दर्ज किया गया है. इस आधार पर राज्य की विकास दर 10.50% है, जबकि राष्ट्रीय विकास दर 6.8% दर्ज की गयी है. स्थिर मूल्य पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 9% बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि 5.6% है.
प्रत्येक पंचायत में बनेंगे वर्षा मापक केंद्र
मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि पटना में जल्द ही बिहार मौसम सेवा केंद्र का निर्माण शुरू हो जायेगा, जो दो साल में तैयार हो जायेगा. प्रत्येक पंचायत में वर्षा मापक केंद्र बन रहे हैं. सभी प्रखंडों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र बनाये जा रहे हैं. करीब 400 प्रखंडों में इनका निर्माण हो गया है, शेष में जल्द ही निर्माण पूरा करा लिया जायेगा. ये केंद्र 72 घंटे पहले बाढ़ और मौसम की जानकारी देंगे. इन पर 130 करोड़ की लागत आयेगी. इस क्षेत्र के किसानों को मोबाइल एप के माध्यम से संबंधित केंद्र के डाटा से जोड़ा जायेगा, ताकि समय पूर्व उन्हें मौसम से संबंधित जरूरी सूचनाएं मिल सकें. प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
2018-2019 में राज्य की विकास दर 15%, तो देश की 11.20%
जनवरी तक खर्च हुई मात्र 41 फीसदी योजना राशि
मंत्री हजारी ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के योजना आकार एक लाख एक करोड़ का है, जिसमें जनवरी, 2020 तक 41% राशि ही खर्च हुई है. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक शत-प्रतिशत राशि खर्च हो जायेगी. 2018-19 में योजना मद की 90.89% राशि खर्च हुई थी. सीएम निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत अब तक 4.15 लाख आवेदन आये थे, जिन पर 505 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
इधर कर्ज देने का गिर रहा बैंकों का ग्राफ
पटना. राज्य में आम लोगों को कर्ज देने में लगातार तीन साल से बैंकों का ग्राफ गिरता जा रहा है. कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में स्थिति बेहद खराब है. इस बार एसीपी यानी लोन बांटने की स्थिति अब तक के न्यूनतम स्तर 54.58% पर पहुंच गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में बैंकों का साख-जमा अनुपात घटकर 42.98% पर पहुंच गया है. शुक्रवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में डिप्टी सीएम ने इस पर चिंता जतायी.
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