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60 दिनाें का काम साल भर में भी अधूरा

पटना : लोक शिकायत निवारण काउंटर का हाल बुरा है. लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. निर्धारित समय सीमा के अंदर शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है. लोग एक-एक साल से चक्कर लगा रहे हैं. काउंटर पर अलग-अलग तरह की शिकायतें आ रही हैं. किसी का बिजली का बिल अधिक आ गया […]

पटना : लोक शिकायत निवारण काउंटर का हाल बुरा है. लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. निर्धारित समय सीमा के अंदर शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है. लोग एक-एक साल से चक्कर लगा रहे हैं. काउंटर पर अलग-अलग तरह की शिकायतें आ रही हैं. किसी का बिजली का बिल अधिक आ गया है, किसी को जमीन की रसीद पर गलत एड्रेस को सही कराना है.

लेकिन रोज चक्कर लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. जबकि 60 दिन के अंदर सुनवाई करनी है. लोगों का कहना है कि पहले ठीक था, लेकिन अब यहां महीनों दौड़ना पड़ता है. इस संबंध में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद से पेंडिंग मामलों के बारे में पूछा गया, तो वह जानकारी नहीं दे सके.
केस-1
पवन कुमार अग्रवाल पटना सिटी के रहने वाले हैं. इन्होंने एक मामले में चिटफंड कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन लाभ नहीं मिला. उन्हाेंने कहा कि काफी दिन से दौड़ रहा हूं, लेकिन लाभ नहीं मिला है.
केस-2
संजय कुमार गुप्ता पटना सिटी पुआ गली के रहने वाले हैं. एक धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई नहीं होने पर लोक शिकायत में आवेदन दिया था. 31 दिसंबर, 2018 को आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक उन्हें लाभ नहीं मिला है. मंगलवार को वे फिर काउंटर पर पहुंचे थे.
केस-3
रामजी प्रसाद राजेंद्र नगर, रोड नंबर-10 के रहने वाले हैं. पूरे एक माह तक पानी में मकान डूबे रहने के कारण हुए नुकसान के बाद क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर आवेदन दिया है. 14 अक्तूबर, 2019 को उन्होंने आवेदन दिया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
केस-4
अथमलगोला जमालपुर के रहने वाले उपेंद्र प्रसाद का कहना है कि 2 मार्च, 2019 को बिजली का बिल 67 हजार आया था. 3 जून को यही बिल 26,540 रुपये आया. उपेंद्र ने शिकायत की. फैसला आया कि 26,540 का बिल जमा करना होगा. उन्होंने दोबारा शिकायत की है.
ऐसे दायर होता है परिवाद
अनुमंडल, जिला एवं राज्य मुख्यालय में मौजूद लोक शिकायत
प्राप्ति काउंटर पर अथवा ऑनलाइन, कॉल सेंटर के टॉल फ्री नं. 18003456284 के माध्यम से, इ-मेल तथा डाक द्वारा परिवाद दाखिल किया जा सकता है.
क्या कहता है कानून
इस कानून से सभी आवेदकों को 60 दिनों में उनकी शिकायतों की सुनवाई, उसके निवारण का अवसर तथा उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है. शिकायत का तुरंत निबंधन कर सुनवाई की तिथि बतायी जाती है. शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से संबंधित सरकारीकर्मी को आमने-सामने कर शिकायत का समाधान किया जाता है. निर्णय की प्रति भी उपलब्ध करायी जाती है.
ऐसे दर्ज कराएं शिकायत : राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त होने में हो रही देरी या किसी लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू किसी नियम, नीति-विधि की अवहेलना किये जाने के मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को परिवाद दायर किया जा सकता है. परिवाद दायर किये जाने वाले विषयों की सूची लोक शिकायत प्राप्ति केंद्रों और वेबसाइट पर उपलब्ध है. कोई भी नागरिक या संगठन द्वारा शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. परिवाद निःशुल्क दायर किया जाता है.

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