पटना: पुलिस के लिए परेशानी का सबब बने दो चेन स्नैचरों को राजीव नगर पुलिस ने पकड़ा है. इन दोनों की निशानदेही पर स्वर्ण दुकानदार सोमनाथ कुमार (मूल निवासी सतारा, महाराष्ट्र) को बाकरगंज चूड़ी गली में पारस नाथ गुप्ता के मकान से गिरफ्तार कर लिया है.
सोमनाथ किराये पर वहां रहता था, जबकि उसकी बाकरगंज में ही सोने-चांदी की दुकान है. पकड़े गये चेन स्नैचरों में रवि रंजन कुमार सिंह उर्फ बुझावन (राजपुताना, यारपुर, गर्दनीबाग) व अमरनाथ राय (इलाहीबाग, गोपालपुर) शामिल हैं. इनमें रवि शादीशुदा है और उसका एक भाई बिहार पुलिस में सिपाही है, जो दरभंगा में तैनात है. दोनों चेन स्नैचरों के पास से 15 ग्राम सोने का गोला, दो बाइक व तीन मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं. हालांकि रवि रंजन एक बार शास्त्री नगर थाना पुलिस के हाथ लगा था, लेकिन वह चकमा देने में सफल रहा था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन दोनों ने पीले रंग की पल्सर बाइक से 18 मई, 2014 को राजीव नगर में जेडी वीमेंस कॉलेज के प्रो एसएस दिवाकर की पत्नी अरुणा सिंह (52) के गले से सोने की चेन छीन ली थी. लिया था. घटना उनके आवास के निकट ही हुई थी , जब वे दूध लेकर लौट रही थीं.
एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर सिटी एसपी आशीष भारती के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विभिन्न गलियों व मुख्य सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया. इसमें पीले रंग की बाइक को चिह्न्ति किया गया, लेकिन नंबर नहीं दिखा. इसी बीच उस रंग की एक बाइक पुलिस को दिखी, लेकिन पीछा करने के दौरान यारपुर पुल के पास वह किसी गली में गुम हो गयी. पुलिस ने यारपुर इलाके में अपना ध्यान लगाया और रवि रंजन को उसी बाइक के साथ पकड़ा. पूछताछ में सारा मामला साफ हो गया. फिर उसकी निशानदेही एक और चेन स्नैचर के साथ दुकानदार को भी पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पकड़े गये दोनों चेन स्नैचरों ने राजीव नगर, रूपसपुर, दानापुर व फुलवारी थाना क्षेत्रों में चेन स्नेचिंग की कई घटनाओं को अंजाम दिया है. लुटेरों ने उपरोक्त घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है.
आधी कीमत पर खरीदता था दुकानदार
स्वर्ण दुकानदार चेन स्नैचरों से आधी कीमत पर लूटी गयी चेन को खरीदता था. पूछताछ में दोनों स्नैचरों ने बताया कि सोमनाथ आधी कीमत पर सोने की चेन खरीदने के बाद उसे गला कर गोला बना लेता था और उसे महाराष्ट्र या फिर दिल्ली में ले जाकर बेच देता था. दुकानदार ने पुलिस को बताया कि वह अब तक दोनों चेन स्नैचरों से एक दर्जन से अधिक चेन अब तक खरीद चुका है.
लुटेरे घरों पर ही छोड़ देते थे मोबाइल फोन
पकड़े गये दोनों चेन स्नैचर काफी शातिर हैं. वे दोनों जब भी चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम देने निकलते थे, तो मोबाइल फोन को अपने-अपने घरों पर ही छोड़ देते थे. इसके पीछे लुटेरों की यह मंशा रहती थी कि पुलिस मोबाइल फोन के माध्यम से उन लोगों तक नहीं पहुंच पाये. इनका यह तरीका कारगर भी हुआ, क्योंकि तीन माह तक पुलिस इनके पीछे लगी रही, लेकिन ये पकड़े नहीं गये.