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पटना : 31 पदों पर हुई बहाली होगी रद्द

पीएमसीएच. पारा मेडिकल छात्रों की बहाली का मामला पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 31 पदों पर हुई पारा मेडिकल छात्रों की बहाली रद्द होने की आशंका बढ़ गयी है. अब स्वास्थ्य विभाग ने भी मान लिया है कि बहाली फर्जी तरीके से की गयी है. गठित जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर […]

पीएमसीएच. पारा मेडिकल छात्रों की बहाली का मामला
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 31 पदों पर हुई पारा मेडिकल छात्रों की बहाली रद्द होने की आशंका बढ़ गयी है. अब स्वास्थ्य विभाग ने भी मान लिया है कि बहाली फर्जी तरीके से की गयी है. गठित जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर बहाली रद्द करने का निर्णय जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर जारी होगा. संबंधित फाइल पर संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर हो गये हैं, सिर्फ सूचना निकलनी बाकी है. अधिकारियों की मानें, तो बहाली करने वाले उस समय के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.
पत्र तैयार, जल्द आयेगा पीएमसीएच में : स्वास्थ्य विभाग ने बहाली रद्द करने का पत्र तैयार भी कर लिया है. सूत्रों की मानें, तो दो दिन के अंदर लेटर पीएमसीएच प्रशासन को भेज दिया जायेगा. इसके बाद बहाली रद्द कर दी जायेगी.
अधिकारियों का कहना है कि जांच टीम के सदस्यों ने बहाल छात्रों के कागजात चेक किये. कुछ ऐसे छात्र हैं, जो कोलकाता से फर्जी डिग्री लेकर बहाल हो गये हैं. डिग्री की पड़ताल की गयी, तो पता चला कि कोलकाता के जिस संस्थान ने डिग्री दी है, वह मान्यता प्राप्त नहीं है. अत: संस्थान ने बहाली रद्द करने का निर्णय लिया है.
क्या है मामला
पीएमसीएच के पारा मेडिकल छात्र अरविंद कुमार ने बताया कि पीएमसीएच के लिए 30 मई, 2017 को विज्ञापन के माध्यम से संविदा पर कुल 31 पदों पर बहाली निकाली गयी. इनमें 50 प्रतिशत ऐसे छात्र हैं, जिनकी डिग्री नियमों के मापदंड पर सही नहीं हैं. छात्र आंदोलन पर बैठ गये, इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कॉलेज प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच का आदेश जारी किया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
रिपोर्ट मिल गयी है. इसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया है. रिपोर्ट में अनियमितता है. विभाग के निर्णय का लेटर भी तैयार हो गया है. जल्द अस्पताल प्रशासन को सौंपा जायेगा.
डॉ आरडी रंजन, निदेशक प्रमुख,
स्वास्थ्य विभाग
पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पांच सदस्यीय टीम ने बुधवार को पीएमसीएच के शिशु वार्ड, स्त्री एवं प्रसूति रोग व लेबर रूम का जायजा लिया. जांच करने आयी टीम के सदस्य उस समय चौंक गये, जब वे बच्चा वार्ड के एनआइसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) वार्ड में पहुंचे.
उन्होंने देखा कि एक बेड पर दो नवजात को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. टीम ने एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती होते देख नाराजगी जतायी और इसका कारण पूछा. अधिकारियों ने कहा कि स्पेस की कमी के कारण यूनिट व बेड का विस्तार नहीं हो पा रहा है, जिसे दूर करने का निर्देश टीम ने दिया.
कंपाउंडर व नर्सों से किये कई प्रश्न : केंद्रीय टीम में शामिल व दिल्ली के मौलाना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से आये डॉ सिद्धार्थ राम ने वार्ड में उपस्थित नर्स, कंपाउंडर से इलाज के बारे में पूछा. वहीं, केंद्रीय टीम के सदस्य डॉ प्रभाकर ने भर्ती मरीजों का पूरा ब्योरा मांगा.
उन्होंने रिकॉर्ड मेंटेन नहीं होने से नाराजगी जतायी और कहा कि मरीजों के डॉक्यूमेंट, रिपोर्टिंग व फॉलोअप को ठीक करने को कहा. वहीं टीम ने सहायक प्राध्यापक के दो पद, रिटायर एसोसिएट प्रोफेसर व आदि खाली पदों पर तुरंत भर्ती के निर्देश दिये. टीम के सदस्य सुबह 11 से शाम को पांच बजे तक अस्पताल में ही रहे.

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