नयी दिल्ली : पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की पत्नी लैला कबीर ने बुधवार को कहा कि फर्नांडिस का बृहस्पतिवार को यहां अंतिम संस्कार किया जाएगा और उनकी अस्थियों को अगले दिन पृथ्वीराज रोड कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. फर्नांडिस के आवास पंचशील पार्क स्थित ‘शांति निवास’ पर शोकाकुल परिजनों से मिलने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. पूर्व रक्षा मंत्री का मंगलवार को निधन हो गया था.
लैला ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हमारे निवास पर कल सुबह 11 बजे शोकसभा होगी जहां लोग आकर श्रद्धांजलि दे सकते हैं. इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू होगी. लोधी विद्युत शवदाह गृह में अपराह्न तीन बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा.” उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद अगले दिन अस्थियों को पृथ्वीराज रोड ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा.” यह कब्रिस्तान दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में स्थित है. फर्नांडिस के पार्थिव शरीर को लेप लगाने के बाद ताबूत में रखा गया है क्योंकि उनके बेटे सीन अभी अमेरिका से दिल्ली नहीं आ पाए हैं.
फर्नांडिस के छोटे भाई माइकल फर्नांडिस ने कहा, ‘‘सीन रास्ते में हैं और उनकी उड़ान देर रात करीब दो बजे दिल्ली आने की संभावना है. हम सब उनका इंतजार कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेता मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर गये थे.
ज्ञात हो कि पूर्व रक्षा मंत्री एवं प्रख्यात समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 88 वर्ष के थे. फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे, जिस कारण वह पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन से दूर थे. हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू भी हो गया था. उनका निधन उनके दिल्ली स्थित आवास 3, कृष्ण मेनन मार्ग पर हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में फर्नांडिस रक्षा मंत्री थे, जब 1999 में भारत ने करगिल युद्ध लड़ा था. मंत्री रहते हुए वे रिकॉर्ड 30 से ज्यादा बार सियाचिन के दौरे पर गये. उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. इंदिरा गांधी को मात देकर 1977 में सत्ता में आयी जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में वह उद्योग मंत्री भी रहे. कर्नाटक में मंगलुरू के एक ईसाई परिवार में जन्में फर्नांडिस मुंबई में मजदूर संगठन के नेता के तौर पर राष्ट्रीय फलक पर उभरे थे और उन्होंने 1974 में रेलवे की एक हड़ताल का आह्वान किया था, जिससे पूरा देश ठहर गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी नेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्पष्टवादी तथा निडर थे जो हमेशा अपनी विचारधारा पर अडिग रहे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक दूरदर्शी रेल मंत्री और एक महान रक्षा मंत्री जिसने भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाया. अपने कई वर्षों के सार्वजनिक जीवन में वह अपनी विचारधारा पर अडिग रहे. उन्होंने आपातकाल का जोरदार विरोध किया. उनकी सादगी और विनम्रता उल्लेखनीय थी.’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी फर्नांडिस के निधन पर शोक जाहिर कर उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त की. गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है.’
जार्ज फर्नाडिस को श्रद्धांजलि देते रो पड़े नीतीश कुमार
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को सार्जवनिक तौर पर श्रद्धांजलि देते हुए मंगलवार को रो पड़े. जॉर्ज फर्नांडिस के साथ अपने पुराने संबंध को याद करते हुए नीतीश कुमार ने कहा- “उनकी लीडरशिप और मार्गदर्शन में एक नयी पार्टी (समता पार्टी) का गठन किया गया था. मैनें जो कुछ भी सीखा और लोगों की सेवा के लिए जो किया उसमें उनका मार्गदर्शन काफी महत्वपूर्ण रहा. यह निश्चित है कि सभी को जाना है. लेकिन, हम सभी के लिए यह बेहद दुखद घड़ी है. उनके मार्गदर्शन और जनता के अधिकारों के लिए लड़ाई के उनके मार्गदर्शन को मैं कभी नहीं भुला सकूंगा.” मुख्यमंत्री ने फर्नांडिस के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा है कि उनके निधन से उन्होंने अपना अभिभावक खो दिया है. वहीं, बिहार सरकार ने उनके सम्मान में दो दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है.