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सड़क के गड्ढों के कारण पांच साल में 15000 लोगों की मौत, बिहार भी टॉप 10 में, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

नयी दिल्ली : देश में असामयिक होनेवाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले पांच सालों में सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से 14,926 लोगों की मौत हो चुकी है. गड्ढों के अलावा अगर अन्य सड़क दुर्घटनाओं की बात करें, तो सिर्फ 2017 में ही करीब सवा लाख लोगों की इसमें जान जा […]

नयी दिल्ली : देश में असामयिक होनेवाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले पांच सालों में सड़कों पर बने गड्ढों की वजह से 14,926 लोगों की मौत हो चुकी है. गड्ढों के अलावा अगर अन्य सड़क दुर्घटनाओं की बात करें, तो सिर्फ 2017 में ही करीब सवा लाख लोगों की इसमें जान जा चुकी है.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया. जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि सड़कों पर गड्ढों के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा संभवत: सीमा पर या आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्याओं से ज्यादा है. पीठ ने कहा कि 2013-17 के बीच सड़कों पर गड्ढों के कारण हुई मौतों का आंकड़ा यही दिखाता है कि संबंधित प्राधिकारी सड़कों का रखरखाव सही तरीके से नहीं कर रहे हैं.
देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सड़कों पर गड्ढों का मुद्दा उठा था. सुप्रीम कोर्ट ने भारत में सड़कों के गड्ढों के कारण होने वाली मौतों के मामले में पूर्व जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति की रिपोर्ट पर केंद्र से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जनवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
कोर्ट की एक पीठ ने इस तरह की असामयिक मौतों को भयावह बताते हुए शीर्ष अदालत की समिति से इस मामले में सड़क सुरक्षा के बारे में गौर करने का अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सर्वविदित है कि इस तरह के हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होती है और वे प्राधिकारी, अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रहे हैं जिनकी जिम्मेदारी सड़कों के रखरखाव की है.
पिछले साल सड़क हादसों में सवा लाख ने गंवायी जान, बिहार भी टॉप 10 में
2017 में हुई मौतें
राज्य मौतें
पंजाब 4278
प बंगाल 5953
गुजरात 7289
तेलंगाना 6595
तमिलनाडु 16157
बिहार 5429
ओड़िशा 4790
छत्तीसगढ़ 4107
उत्तर प्रदेश 20142

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