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पटना : मानवाधिकार मामले में सुस्ती बरत रहे अधिकारी
पटना : जिले में चल रहे मानवाधिकार व न्यायालय के मामलों को निबटाने में सुस्ती बरती जा रही है. तमाम निर्देश और आदेशों के बाद भी जिला स्तर के अधिकारियों के कार्यालय में इनकी फाइल धूल फांक रही हैं. डीएम कुमार रवि ने सोमवार को भी इस मामलों की समीक्षा की और जल्द-से-जल्द कार्रवाई पूरी […]
पटना : जिले में चल रहे मानवाधिकार व न्यायालय के मामलों को निबटाने में सुस्ती बरती जा रही है. तमाम निर्देश और आदेशों के बाद भी जिला स्तर के अधिकारियों के कार्यालय में इनकी फाइल धूल फांक रही हैं. डीएम कुमार रवि ने सोमवार को भी इस मामलों की समीक्षा की और जल्द-से-जल्द कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिये. जानकारी के अनुसार बीते दो वर्षों में ढाई हजार से अधिक आवेदन आये हैं. इसमें 50 फीसदी मामलों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जबकि, दस फीसदी ऐसे मामले है, जिन आवेदनों पर कार्रवाई के निर्देश के बाद आगे के अद्यतन रिपोर्ट नहीं लिया गया है.
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पूर्व के लंबित मामले व विगत बैठक के बाद प्राप्त मामले मिला कर कुल 142 प्रस्ताव प्राप्त है. जिसमें से विधिवत पूर्ण अभिलेखों सहित प्राप्त कुल 27 लाभार्थियों को स्वीकृति प्रदान की गयी है व उनके भुगतान एनईएफटी के माध्यम से कर दिया गया है. पटना जिले में हत्या से संबंधित कुल 31 आश्रितों को पेंशन की सुविधा दी जा रही है व इनके पेंशन का भुगतान कर दिया गया है.
इनके हौसले को आप भी करें सलाम
पटना : अगर आप तंगहाली और बुरी परिस्थितियों से निकलने के लिए हौसले से काम लेते हैं तो वर्षों से चली आ रही रुढ़ियां भी टूट जाती हैं. कुछ ऐसा ही दृश्य सोमवार को पीएमसीएच से लेकर बांसघाट तक दिखा. हरनौत की रहनेवाली फूला देवी अपनी भाभी कान्ती देवी को कंधा दे रही थी.
चिलचिलाती धूप, तेज ऊमस के बीच जब पीएमसीएच प्रशासन इस परिवार को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवा पाया तो फूला देवी ने खुद ही कंधा देने का फैसला किया. पीएमसीएच से बांसघाट करीब पांच किमी दूर तक अपनी भाभी को पैदल कंधा देकर पर फूला ने अपने हौसले की नजीर पेश की.
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