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पटना : तनाव से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होते हैं योग और स्पर्शथेरेपी

पटना : कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के मनोविज्ञान विभाग की ओर से सोमवार को ‘प्रतिबल प्रबंधन व शक्ति उपचार’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का उद्घाटन प्राचार्य प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने किया. उन्होंने कहा कि प्रतिबल से तात्पर्य वैसे कारणों और घटनाओं से है, जो व्यक्ति में तनाव […]

पटना : कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के मनोविज्ञान विभाग की ओर से सोमवार को ‘प्रतिबल प्रबंधन व शक्ति उपचार’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का उद्घाटन प्राचार्य प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने किया. उन्होंने कहा कि प्रतिबल से तात्पर्य वैसे कारणों और घटनाओं से है, जो व्यक्ति में तनाव तथा कुसमायोजन उत्पन्न करता है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हर एक व्यक्ति किसी-न-किसी रूप में इसका शिकार है और इसका असर जब गंभीर हो जाता है, तो व्यक्ति में कई शारीरिक अनुक्रियायें देखी जाती हैं. उन्होंने इन तमाम मनोरोगों से बचने के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी.
सिंगापुर में भारत से अधिक अवसाद व तनाव
सेमिनार के मुख्य वक्ता महाराजा सयाजीराव विवि वड़ोदरा मनोविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो चितरंजन नारायण दफ्तुआर ने तनाव और अवसाद के लिए रेकी और स्पर्श विधि अपनाने की सलाह दी. उन्होंने रेकी की व्याख्या करते हुए कहा कि यह मनोवैज्ञानिक उपचार की एक विधि है, जो पूर्णतः भारतीय है उसका उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है.
उन्होंने रेकी द्वारा तनाव, अवसाद समेत विभिन्न शारीरिक और मानसिक रोगों के उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा की. सेमिनार में सिंगापुर से आये विशिष्ट अतिथि चिन बून ने स्ट्रेस मैनेजमेंट के विभिन्न उपायों को पावर प्वाइंट से प्रस्तुत किया, जिसमें युवाओं विशेषकर छात्रों को अवसाद और तनाव से मुक्त होने के उपाय तथा उपचार से अवगत कराया गया था. उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में सिंगापुर में अवसाद और तनाव की समस्या अधिक है.
उन्होंने ने विभिन्न व्यायामों का प्रदर्शन कर छात्रों को तनाव मुक्त रहने की कला सिखायी. अवसर पर सिंगापुर से आये छात्रों के दल ने मनमोहक नृत्य भी प्रस्तुत किया. मंच संचालन प्रो जयमंगल देव ने किया. मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो दिनेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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