26.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिहार निवासी अभिनव को ट्रिवागो के विज्ञापन से मिली बड़ी पहचान, अब ‘ट्रिवागो ब्वाॅय’ के नाम से जानते हैं लोग, जानें

आम तौर पर यह धारणा होती है कि अगर किसी प्रोडक्ट या किसी भी चीज के लिए विज्ञापन देना है तो उसके लिए गठीला बदन, आकर्षक चेहरा और धारदार भाषा होनी चाहिए. कई विज्ञापन ऐसे आते भी हैं. लेकिन बिहार के रहने वाले अभिनव कुमार ने इस धारणा को ही बदल दिया है. ट्रिवागो का […]

आम तौर पर यह धारणा होती है कि अगर किसी प्रोडक्ट या किसी भी चीज के लिए विज्ञापन देना है तो उसके लिए गठीला बदन, आकर्षक चेहरा और धारदार भाषा होनी चाहिए. कई विज्ञापन ऐसे आते भी हैं.
लेकिन बिहार के रहने वाले अभिनव कुमार ने इस धारणा को ही बदल दिया है. ट्रिवागो का विज्ञापन करने के बाद चर्चा में आये अभिनव ने यह संदेश दिया है कि अगर आपके पास कुछ नया है तो लोग आपको नोटिस जरूर करेंगे.
अभिनव ट्रिवागो कंपनी में कंट्री मैनेजर (भारत) हैं और जर्मनी के डुसलडॉफ शहर में पदस्थापित हैं. उन्होंने स्कूल की शिक्षा झारखंड से पूरी की है, जबकि हायर डिग्री महाराष्ट्र से हासिल की है. अभिनव ने प्रभात खबर के संवाददाता सुजीत कुमार से अपने सफर को साझा िकया. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश.
Q सबसे पहले अपने बारे में और अपनी पढ़ाई के बारे में बताएं ?
मैं मूल रूप से लखीसराय जिले के बड़हिया से ताल्लुक रखता हूं. मेरे पिता गौरांग प्रसाद सिंह किसान हैं, जबकि मां नीलम देवी गृहिणी हैं.
एक भाई निखिल बेंगलुरु में मॉडलिंग करता है, जबकि एक बहन है, जो सीए है और मुंबई में रहती है. हालांकि, मेरा जन्म पटना में हुआ, लेकिन काफी वक्त देवघर में भी गुजरा है, क्योंकि दादी वहां काफी दिनों तक रही थीं.
इसलिए मैं वहां भी आते-जाते रहता था. स्कूल की शिक्षा रांची के नामकुम स्थित बिशप वेस्टकॉट स्कूल में हुई और वहीं से 10वीं को पूरा किया, जबकि 11वीं और 12वीं को मराठवाड़ा कॉलेज, पुणे से पूरा किया.
स्नातक करने के दौरान ही मास्टर्स की स्टडी के लिए इटली की त्रेंतो यूनिवर्सिटी में आवेदन दिया, जहां चयनित होने के साथ ही मुझे स्कॉलरशिप भी मिली. अभी जर्मनी के डुसलडॉफ शहर में ट्रिवागो में कंट्री मैनेजर (भारत) के पद पर कार्यरत हूं.
Qट्रिवागो के विज्ञापन के बाद अब कैसा लगता है? कुछ बदलाव महसूस किया है या नहीं?
सच पूछिए तो यह बदलाव अब नजर आ रहा है. मई, 2013 में भारत में ट्रिवागो को लांच किया गया था और 2016 से मेरे वाले विज्ञापन को भारत में शुरू किया गया.
शुरू में तो कुछ खास रिस्पांस नोटिस करने के लिए नहीं मिला, लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इस विज्ञापन को लेकर अपने विचारों को जताना शुरू कर दिया. मेरे ब्रांड के साथ लोगों का काफी अट्रेक्शन देखने को मिला. जब विज्ञापन आया तो लोगों ने कई तरह के विचार दिये. इसमें अच्छे, बुरे हर तरह के विज्ञापन थे. कुछ लोगों ने सराहा तो कुछ ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी.
मैंने सभी प्रतिक्रियाओं को अपनाया और केवल बेहतरी के लिए सोचता रहा. जहां तक बदलाव की बात है तो अब कहीं जाता हूं तो लोग सेल्फी लेने के लिए चले आते हैं. प्लेन में भी लोग पहचान जाते हैं. अबूधाबी गया था तो एयरपोर्ट पर ही लोगों ने घेर लिया और अभी हाल ही में दिल्ली में फिक्की के एक आयोजन में गया था तो वहां भी लोगों ने पहचान लिया.
Q ट्रिवागो का विज्ञापन आपको कैसे मिला? आपने किसी फेमस चेहरे को क्यों नहीं अपनाया?
ऐसा है कि भारत के ट्रेवल मार्केट में बहुत पैसा इन्वेस्ट हुआ है. हमारे लिए यह इतना आसान भी नहीं था कि हम भारत में आये और छा जाये.
हालांकि, मेरे विज्ञापन के भारत में आने से पहले हमारी कंपनी ने यूएसए, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया के विज्ञापन को चलाया था, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं पड़ा. जहां तक विज्ञापन में फेमस चेहरे की बात थी, तो हमने शुरू से ही अपने विज्ञापन को आम भारतीय के लिए सोच के रखा था.
वेबसाइट को यूज करने में आम भारतीय भी उतना ही सक्षम है, जितना सुपरस्टार. इसी बीच हमारे ब्रांड मैनेजर ने यह सुझाव दिया कि भारत में विज्ञापन देना है तो तुम्हारा चेहरा ही क्यों नहीं. हालांकि, शुरू में मैं थोड़ा झिझका भी, लेकिन फिर मैंने हामी भर दी. फिर विज्ञापन आया और आज नतीजा आपके सामने है.
Qट्रिवागो किस तरह से काम करती है? इससे पहले कहीं आपने जॉब किया था या नहीं?
– दरअसल ट्रिवागो में 10 लाख से भी ज्यादा होटल्स को सूचीबद्ध किया गया है, जो दुनिया भर के विभिन्न शहरों में स्थित हैं. हम उन होटलों के बारे में, उनमें दी जाने वाली सुविधा, उनकी दरों के बारे में रिसर्च बेस्ड जानकारी को उपलब्ध कराते हैं. यह रिसर्च हमारी टीम करती है.
यानी अगर अाप किसी शहर में जा रहे हैं और आपको किसी होटल में रुकना है तो आपको विभिन्न वेबसाइटों पर जाने की जरूरत नहीं है. आप केवल ट्रिवागो पर जाकर एक क्लिक में सारी जानकारी को हासिल कर सकते हैं. हालांकि, ट्रिवागो में मेरी दूसरी जॉब है.
इससे पहले इटली में स्टडी के बाद मुझे विश्वविद्यालय की तरफ से एक दवा कंपनी में इंटर्नशिप करने का मौका मिला. वहां मेरा प्रदर्शन बेहतर था तो कंपनी ने जॉब पर रख लिया. दो साल वहां काम किया. इसी बीच ट्रिवागो में जॉब का पता चला तो आवेदन कर दिया. अब नतीजा आपके सामने है. यह सौ प्रतिशत सच है कि ट्रिवागो ने मुझे अलग पहचान दिया है.
Q बिहार के निवासी हैं और झारखंड में स्टडी की है. इन दोनों राज्यों के लिए कुछ सोचे हैं या नहीं?
– इन दोनों ही राज्यों का मुझ पर कर्ज है. फिलहाल बिहार फर्टनिटी को मेरे जैसे कुछ और बिहारियों ने शुरू किया है, जो जर्मनी में रहते हैं. इसमें हम बिहार के लिए एजुकेशन, कृषि और आंत्रप्रिन्योरशिप के लिए काम कर रहे हैं. जहां तक झारखंड की बात है. वहां मैंने सात-आठ साल गुजारे हैं. वहां के लिए भी कुछ करूंगा. इसकी प्लानिंग कर रहा हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें