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पटना : शराबबंदी के बाद 16 गुनी बढ़ी गांजे की आवक

त्रिपुरा सबसे बड़ा सप्लाई प्वाइंट, चल रही है व्यापक छानबीन पटना : राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद गांजा की सप्लाई करीब 16 गुनी बढ़ गयी है. बिहार में तस्करी होने वाले कुल गांजा की खेप में 80-85 फीसदी गांजा त्रिपुरा और इसके आसपास के इलाके से ही आते हैं. इसका सबसे बड़ा […]

त्रिपुरा सबसे बड़ा सप्लाई प्वाइंट, चल रही है व्यापक छानबीन
पटना : राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद गांजा की सप्लाई करीब 16 गुनी बढ़ गयी है. बिहार में तस्करी होने वाले कुल गांजा की खेप में 80-85 फीसदी गांजा त्रिपुरा और इसके आसपास के इलाके से ही आते हैं. इसका सबसे बड़ा सप्लाई प्वाइंट त्रिपुरा है.
इसके अलावा नागालैंड और सिक्किम से भी गांजा आता है, लेकिन इन स्थानों से काफी कम मात्रा में गांजा आता है. त्रिपुरा से बिहार और इससे आगे तक फैले गांजा तस्करी के इस नेटवर्क को नष्ट करने के लिए बिहार और त्रिपुरा पुलिस का संयुक्त रूप से अभियान शुरू हो गया है.
अभियान के तहत त्रिपुरा पुलिस के डीजीपी ने अपनी तीन सदस्यीय टीम को पटना भेजा है. यह विशेष टीम बिहार में ईओयू और एसटीएफ के अधिकारियों के साथ मिलकर अब तक हुई कार्रवाई के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी एकत्र कर रही है, ताकि इसके आधार पर इस पूरे नेटवर्क को ही खत्म किया जा सके और इसमें शामिल सभी स्तर के लोगों की गिरफ्तारी की जा सके.
शराबबंदी के बाद 9-10 हजार किलो गांजा हुआ जब्त : सूबे में शराबबंदी के बाद से अब तक 9 से 10 हजार किलो गांजा जब्त किया जा चुका है. इससे पहले सालाना औसतन 500-700 किलो गांजा जब्त होता था.
यानी इसमें 16 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. इसमें केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से की गयी कार्रवाई भी शामिल है. पहले त्रिपुरा से गांजा की खेप सीधे बांग्लादेश जाती थी, लेकिन यहां शराबबंदी लागू होने के बाद पूरी सप्लाई सीधे बिहार में ही होने लगी है. बिहार से ही दूसरे राज्यों में गांजे की सप्लाई होती है.
अलगाववादियों की सरपरस्ती में खेती और कारोबार
बिहार पुलिस की तरफ से ईओयू और एसटीएफ के अधिकारियों के साथ त्रिपुरा पुलिस के टीम की बैठक हो चुकी है. इसमें तस्करी के पूरे रूट चार्ट के अलावा बिहार में मौजूद इसके सभी महत्वपूर्ण इनपुट प्वाइंट और अब तक पहचान में आये रिसीवर के बारे में पूरी जानकारी शेयर की गयी है. दूसरी तरफ से त्रिपुरा पुलिस ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारी बिहार को दी.
बताया गया कि यहां के जंगलों में बड़ी मात्रा में चोरी-छिपे गांजा उपजाया जाता है. पूरी अवैध खेती का धंधा अलगाववादियों के साये में चलता है. इसके बाद ट्रकों या अन्य छोटे वाहनों में गुप्त चैंबर बनाकर इनकी सप्लाई की जाती है. वहां के कुछ तस्करों का गैंग इस काम में सक्रिय हैं. इनकी जानकारी भी राज्य पुलिस को दी गयी. बिहार में मुख्य रूप से एसटीएफ और ईओयू ही गांजा की जब्ती पर कार्रवाई करती है. केंद्रीय एजेंसियों में डीआरआई, एनसीबी और एसएसबी भी इसकी जब्ती करती है.
यह है तस्करी का रूट
– अगरतल्ला से बिहार : यहां दो तरफ से रोहतास और किशनगंज या कटिहार से इसके खेप की इंट्री होती है. बिहार में सबसे सीमावर्ती जिलों के अलावा सबसे बड़ा रिसीविंग प्वाइंट वैशाली, आरा या औरंगाबाद है. गांजा की जो खेप इन स्थानों तक पहुंचने में कामयाब हो जाती है, वह यहां से छोटे-छोटे पैकेट या अन्य तरीके से यूपी होते हुए नयी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में अलग-अलग स्थानों तक पहुंचती है.
– बिहार से यूपी : यहां भी दो तरफ से खेप जाती है. एक बलिया, गोरखपुर की तरफ से. दूसरा, वाराणसी या मुगलसराय होते हुए. इन दोनों तरफ से यूपी में इंट्री करने के बाद तस्करी की यह खेप आगे निकल जाती है.

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