नयी दिल्ली : ‘तीर्थस्थल जीर्णोद्धार एवं आध्यात्मिक संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) प्लस योजना’ के तहत पटना और गया का विकास किया जायेगा. पर्यटन मंत्रालय ने तीर्थ स्थल या विरासत गंतव्यों के समग्र विकास के उद्देश्य ये ‘प्रसाद योजना’ आरंभ की है. इस योजना के तहत 25 स्थानों की पहचान की गयी है. इनमें बिहार के पटना और गया के अलावा अमरावती, श्रीसेलम, तिरूपति, कामाख्या, द्वारका, सोमनाथ, हजरतबल, कटरा, देवघर, गुरूवयूर, ओंकारेश्वर, त्रियंबकेश्वर, पुरी, अमृतसर, अजमेर, कांचीपुरम, वेल्लांकन्ने, वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, बद्रीनाथ, केदारनाथ और बेलूर शामिल हैं.
पर्यटन राज्य मंत्री के जे अल्फोंस ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में कहा कि इस योजना का उद्देश्य तीर्थस्थल या विरासत गंतव्यों के आधारभूत ढांचे का विकास करना है. इसमें गंतव्य प्रवेश बिंदुओं का विकास एवं उन्नयन करना शामिल है. इसमें सड़क, रेल और जल परिवहन यात्री टर्मिनल, एटीएम, मुद्र विनिमय काउंटर, पर्यटन सूचना, व्याख्या केंद्र समेत मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना शामिल है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पर्यावरण हितैषी परिवहन के साथ ध्वनि प्रकाश शो, जल रोमांचकारी क्रीडा, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत, प्रतीक्षालय, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, मोबाइल सेवाएं, वाई फाई हाट-स्पॉट आदि का विकास शामिल है. मंत्री ने कहा कि फिलहाल इस योजना के तहत 25 स्थानों की पहचान की गयी है.