पटना : सोना लूटनेवाले सुबोध सिंह के अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत सात सदस्यों को पुलिस ने दबोच जेल भेज दिया है. अब इनसे पूछताछ करने का सिलसिला उन सभी राज्यों की पुलिस ने शुरू कर दी है, जिन-जिन शहरों में इस गिरोह ने सोना लूटने की घटना को अंजाम दिया था.
रविवार को सुबोध सिंह और उसके सहयोगियों से नागपुर के डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस) कदम ने भी अपनी टीम के साथ पूछताछ की. बेऊर जेल में बंद इन सभी अपराधियों से नागपुर पुलिस की टीम ने शाम तक कई पहलुओं पर गहन पूछताछ की.
इस गिरोह ने सितंबर, 2016 में नागपुर में मौजूद एक निजी गोल्ड फाइनेंस कंपनी के कार्यालय से 32 किलो सोना की लूट की थी. इस वारदात के बाद से लगातार नागपुर पुलिस इसकी तलाश में थी. इसी लूटकांड से जुड़े मामले में सभी आरोपितों से पूछताछ की गयी.
नागपुर पुलिस ने इससे जानना चाहा कि लूट की घटना को कैसे अंजाम दिया गया था और लूटे गये सभी सोना को कहां ठिकाना लगाया गया है. इससे पहले आसानसोल और राजस्थान पुलिस इन लुटेरों से पूछताछ कर चुकी है. इन दोनों ने भी अपने-अपने यहां से लूटे गये सोने के बारे में गहराई से तफ्तीश कर चुकी है. इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि सुबोध सिंह और उसके कुछ सहयोगियों को आसनसोल पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. इसके लिए जल्द ही कोर्ट में आवेदन दायर किया जा सकता है. अन्य सभी राज्यों की पुलिस भी बारी-बारी से रिमांड पर लेकर अपने-अपने यहां हुई वारदातों के बारे में पूछताछ करने की पूरी तैयारी में है. अब देखना है कि किस राज्य की पुलिस सबसे पहले रिमांड पर लेती है.
गड्ढे में फेंकी पिस्टल को तलाश रही पुलिस
रूपसपुर में एसटीएफ की टीम पर सुबोध सिंह ने जिस पिस्टल से फायरिंग की थी. वह रेगुलर पिस्टल थी, जिसे सुबोध हमेशा अपने साथ रखता था. फायरिंग के बाद जब वह कमजोर पड़ने लगा, तो उसने भागने के दौरान इसे पास के गड्ढे में फेंक दिया था. गड्ढा ज्यादा गहरा और पानी भरा होने के कारण इसे खोजने में समस्या हो रही है. फिलहाल पुलिस इसकी पूरी मुस्तैदी से तलाश करने में जुटी हुई है. जब तक यहां से पिस्टल नहीं मिल जाती, तब तक इस स्थान की सुरक्षा में पुलिस वालों को तैनात कर दिया गया है.