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15 लाख रुपये की नकली ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन जब्त, फैक्टरी सील, लड़कियों में हार्मोन्स और फल-सब्जियों को बढ़ाने में आता है काम

पटना : ड्रग और पुलिस विभाग ने शुक्रवार को छापेमारी कर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन ड्रग बनानेवाली कंपनी का भंडाफोड़ किया है. साथ ही मौके से करीब 20 हजार इंजेक्शन व दवाएं जब्त की हैं. बरामद ड्रग और दवाओं की कीमत करीब 15 लाख रुपये आंकी जा रही है. छापेमारी के बाद फैक्टरी को सील कर दिया […]

पटना : ड्रग और पुलिस विभाग ने शुक्रवार को छापेमारी कर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन ड्रग बनानेवाली कंपनी का भंडाफोड़ किया है. साथ ही मौके से करीब 20 हजार इंजेक्शन व दवाएं जब्त की हैं. बरामद ड्रग और दवाओं की कीमत करीब 15 लाख रुपये आंकी जा रही है. छापेमारी के बाद फैक्टरी को सील कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, ड्रग और पुलिस विभाग ने शुक्रवार की सुबह मछुआ टोली के रिहायशी परिसर में छापेमारी कर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन ड्रग बनानेवाली कंपनी का भंडाफोड़ किया है. साथ ही मौके से 20 हजार इन्जेक्शन व दवाएं जब्त की हैं.

औषधि विभाग के मुताबिक, सुनील कुमार के नाम पर दवा फैक्टरी को संचालित किया जा रहा था. छापेमारी होते ही सुनील कुमार मौके से फरार हो गया. वह डॉ कृष्ण कुमार का भाई बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दवा फैक्टरी के मालिक के पास ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस नहीं था. हालांकि, फर्स्ट व सेकेंड फ्लोर का लाइसेंस था, जहां विटामिन-सी व तेल आदि बनाया जाता है. जबकि ऑक्सीटोसिन सेकेंड फ्लोर पर बिना लाइसेंस लिये ही बनाया जा रहा था. औषधि विभाग की टीम का कहना है कि यह प्रतिबंधित इन्जेक्शन पटना सहित पूरे बिहार में सप्लाई की जाती थी. खुदरा दवा दुकानदार यहां से थोक के भाव में इन्जेक्शन की खरीदारी करते थे.

क्या है ऑक्सीटोसिन

ऑक्सीटोसिन स्तनधारी जीवों में हार्मोंस के रूप में पाया जाता है. कृत्रिम रूप से पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाने, फलों और सब्जियों के साइज को बढ़ाने के लिए इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, जानवरों के प्रसव को आसान बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है. डेयरी संचालक अधिक दूध के लिए गाय व भैंस पर इसका प्रयोग धड़ल्ले से करते हैं. ड्रग एक्ट के तहत इसे बेचने पर पाबंदी लगायी गयी है.

खतरनाक है ऑक्सीटोसिन

गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि चिकित्सक की लिखी पर्ची पर ही दवा दुकानदार ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन दे सकते हैं. वह भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इन्जेक्शन. इसका प्रतिबंधित इन्जेक्शन मानव शरीर के लिए खतरनाक है. ऑक्सीटोसिन के प्रयोग से लड़कियां उम्र से पहले व्यस्क दिखने लगती हैं. इसके अनावश्यक प्रयोग से महिलाओं में गर्भपात का खतरा तो होता ही है, बच्चों की दृष्टि भी कमजोर हो सकती है. साथ ही फेफड़ों व मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है.

बिना लाइसेंस चल रहा था ऑक्सीटोसिन का कारोबार

औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर सच्चिदानंद विक्रांत ने बताया कि फैक्टरी के सेकेंड फ्लोर पर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने का खेल चल रहा था. इस दवा को बनाने के लिए लाइसेंस भी दुकानदार के पास नहीं था. यही नहीं, सभी इंजेक्शन बिना बिलिस्टर के पैक कर मार्केट में बेची जाती थी. यह दवाएं प्रतिबंधित है. ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत छापेमारी कर इसका खुलासा हुआ है. इस मामले में फैक्टरी के मालिक सुनील कुमार के नाम से प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.

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