पटना: अब न किसी का डर होगा बस कराटे का एक पंच होगा, क्योंकि लग चुकी है कराटे की कक्षा. अब न कोई राेकेगा,जब खुद के हाथों में दम होगा. फिर काहे का गम होगा. रवींद्र बालिका विद्यालय राजेंद्र नगर की छात्राआें ने कुछ इसी तरह से खुद की सुरक्षा का जिम्मा अपने हाथों में लेने की बात कही. मौका था प्रभात खबर की ओर से आयोजित सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम का.
बुधवार को प्रभात खबर की टीम जब विद्यालय में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलाने पहुंची तो, कराटे एक्सपर्ट के साथ लड़कियों ने एक सूर में अपनी सुरक्षा खुद से करने की बात कही. कराटे एक्सपर्ट ने पहले तो, लड़कियों को कराटे का पोज और बॉडी पॉश्चर के बारे में बताया, फिर उन्हें कराटे की ट्रेनिंग दिया. लड़कियां एक्शन में आ गयी और एक दूसरे के साथ प्रैक्टिस करने लगी.
कोई शोहदों से पंगा लेने की तैयारी में दिखीं, तो कोई उनका मुहंतोड़ जवाब देने के लिए खुद को तैयार करती दिखीं. कराटे एक्सपर्ट ब्लैक बेल्ट शंत्रुज्य सिंह ने पहले लड़कियां को छेड़खानी के हर एक पहलू से अवगत कराया. लड़कियों का कॉन्फिडेंस लेवल इतना बढ़ गया कि वह बदमाशों को सबक सीखाने की तैयारी में दिखी. कराटे एक्सपर्ट सीटीपी नीरज ने लड़कियों को बारी-बारी से स्टेज पर बुलाकर प्रैक्टिस करवाया. कॉन्फिडेंस लेवल को बढ़ाने की बात कही. कहा यदि कोई पीछे से पकड़ता है, तो वह ऊपर की ओर जंप कर पैर को फैलाते हुए नीचे से पीछे खड़े व्यक्ति का पैर पकड़ कर खींच दें. ऐसा करने से सामने वाला गिर जायेगा.
ट्रेनिंग लेकर कॉन्फिडेंट दिखीं छात्राएं
ट्रेनिंग लेने के बाद अब डरने की जरूरत नहीं है. अब कभी भी खतरा महसूस हुआ, तो अपनी सुरक्षा कर सकूंगी. सीखने के बाद अंदर का डर भी चला गया है.
– तनु, नौवीं, सेक्शन बी
ट्रेनिंग लेने के बाद अच्छा महसूस कर रही हूं, आये दिन हमें सड़क छाप मजनुओं और मनचलों का सामना करना पड़ता है.
– अनामिका, दसवीं
अब ट्रेनिंग लेने के बाद हम अपनी सुरक्षा करना सीख गये हैं, साथ ही यदि कोई अब छेड़ने की कोशिश करे, तो हम भी उन्हें सबक सिखा सकते हैं.
– निशा, दसवीं
पढ़ाई करने की बात अाती है, तो सबसे पहले पैरेंटस हमारी सुरक्षा को लेकर हमें इसकी अनुमति नहीं देते हैं.
– सुलेखा, छात्रा
ऐसी पहल बार-बार होनी चाहिए
यह प्रोग्राम बहुत ही सराहनीय है. इसे स्कूल स्तर पर महीने में दो बार करवाया जाये, तो लड़कियां कराटे में दक्ष हो जायेंगी और अपनी सुरक्षा कर सकेंगी.
– अनुपमा मोहन, साइंस शिक्षिका
स्कूलों की लड़कियों को ट्रेनिंग को अनिवार्य किया जानना चाहिए. प्रभात खबर के इस अभियान को सरकार द्वारा आगे बढ़ाने की जरूरत हैे.
– भास्वती भट्टाचार्य, संस्कृत शिक्षिका
सरकारी विद्यालय में नामांकित छात्राओं को यदि अवसर प्रदान किया जाये, तो वह भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. उन्हें कराटे की ट्रेनिंग जरूरी है.
– संचिता, शिक्षिका
प्रभात खबर की ओर से सेल्फ डिफेंस की यह ट्रेनिंग सराहनीय पहल है. इसे महीने में एक बार जरूर करवाया जाये.
– कविता चौधरी, प्राचार्य, रवींद्र बालिका विद्यालय
अकेली रहो तो भी मत घबराना
ट्रेनर सिंधु ने सबसे पहले लड़कियों को उनके ऊपर होने वाले हमलों के प्रकार के बारे में बताया. कहा जब लड़कियां अकेली होती हैं, तो कई बार लड़के पीछे से उनका दुपट्टा और हाथ पकड़ने की कोशिश करते हैं. ऐसी स्थिति में लड़कियों को सर्तक होने की जरूरत है. ट्रेनर स्वीटी ने बताया कि पीछे से यदि कोई लड़का चोटी पकड़ कर खीचें, तो उसे नीचे की ओर झुककर चोटी को उसके हांथों के अंदर से निकालते हुए उसके चेहरे पर जोर का पंच मारें. ऐसा करते ही उसका हाथ चोटी से छुट जायेगा अौर वह अपना हाथ चेहरा की ओर ले जायेगा. इसके बाद उतनी तेजी से उसके पेट पर मार कर वहां से किसी सुरक्षित स्थान पर जा सकती हैं. ट्रेनर अजीत ने बताया कि लड़कियों के पास कई ऐसे समान होते हैं, जिससे अपनी सुरक्षा कर सकती हैं. जैसे उनके हेयर क्लिप, चश्मा या आलपीन के इस्तेमाल कर सामने वाले को घायल कर सकते हैं. जैसे यदि कोई आपका मूंह बंद कर पीछे से पकड़ने की कोशिश करें, तो उसकी ओर झुकते हुए एक झटके में पलट कर उसकी आंख पर हमला करें.